उत्तर प्रदेश की विधान परिषद में मंगलवार को एक अवमानना का मुद्दा उठाया गया, जिसका अधिकांश सदस्यों ने समर्थन किया। सभापति रमेश यादव द्वारा पीलीभीत के पुलिस अधीक्षक बालेंदु भूषण सिंह को सदन में तलब किया गया है।
समाजवादी पार्टी के सदस्य शतरुद्र प्रकाश ने विशेषाधिकार हनन का नोटिस देते हुए कहा कि उन्होंने 21 अगस्त को पीलीभीत के पुलिस अधीक्षक बालेन्दु भूषण सिंह को किसी काम से टेलीफोन किया था, उस समय बताया गया कि वे जिलाधिकारी के साथ गये हैं। उन्होंने जिलाधिकारी अखिलेश कुमार मिश्र को फोन किया और पुलिस अधीक्षक से बात कराने को कहा। जिलाधिकारी ने उनको फोन दिया मगर, उन्होंने बात नहीं की, यह विधान परिषद के सदस्य और पूरे सदन की अवमानना है, इसलिए पीलीभीत के पुलिस अधीक्षक को सदन में बुलाकर जवाब-तलब किया जाए।
शिक्षक दल के नेता ओमप्रकाश शर्मा, बसपा के सदस्य दिनेश चन्द्र, कांग्रेस के सदस्य दीपक सिंह, अपना दल के सदस्य आशीष कुमार और भाजपा के सदस्य देवेन्द्र प्रताप ने शतरूद्र प्रकाश की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि किसी सरकारी अधिकारी द्वारा उच्च सदन के सदस्य के साथ इस तरह का व्यवहार करना अवमानना का प्रकरण है। सरकार की ओर से मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बचाव करने का प्रयास किया और एक बार मुख्यमंत्री उप-मुख्यमंत्री से वार्ता करने का सुझाव रखते हुए कहा कि अफसर का भी पक्ष लेना चाहिए पर, सदस्यों ने उनकी बात नहीं मानी। सभापति रमेश यादव ने सदस्यों के अनुरोध को स्वीकार करते हुए पुलिस अधीक्षक बालेन्दु भूषण सिंह को बुधवार दोपहर एक बजे सदन में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है।
(गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं, साथ ही वीडियो देखने के लिए गौतम संदेश चैनल को सबस्क्राइब कर सकते हैं)