बदायूं शहर में राजनैतिक संरक्षण प्राप्त एक ऐसे रैकेट का खुलासा हुआ है, जो सरकारी जमीनों को भी बेच रहा है। खुलासा होने पर रैकेट चलाने वाले दबंग एक व्यापारी को धमका रहे हैं। रैकेट के झांसे में फंस कर बर्बाद हो चुका पीड़ित व्यापारी पुलिस की शरण में पहुंच गया है। पुलिस प्रकरण की जांच कर रही है।
बदायूं के थाना सिविल लाइन क्षेत्र में स्थित हाइडिल कॉलोनी निवासी व्यापारी हरिओम गुप्ता ने बताया कि उसने बाबा कॉलोनी के निकट राजीव सक्सेना और मिथलेश कुमारी से एक प्लॉट खरीदा था, जिसका बैनामा उसके और उसकी पत्नी कांता देवी के नाम 9 अप्रैल 2015 को उक्त लोगों द्वारा 27 लाख 90 हजार रूपये लेने के बाद कराया गया।
पीड़ित व्यापारी का कहना है कि प्लॉट पर वह नींव भराने गया, तब ज्ञात हुआ कि संबंधित प्लॉट नरऊ खुर्द ग्राम समाज की जमीन है और खलिहान के लिए आरक्षित है। नियमानुसार संबंधित जमीन बेची नहीं जा सकती और न ही उक्त जमीन का श्रेणी परिवर्तन कराया जा सकता है, यह सब जान कर व्यापारी घबरा गया और उसने राजीव सक्सेना व मिथलेश कुमारी से अपने रूपये वापस मांगे, तो उन्होंने पीड़ित व्यापारी से उल्टा सवाल किया कि जमीन के सरकारी होने और खलिहान के लिए आरक्षित होने का प्रमाण दे दीजिये। प्रमाण दिखाने पर रूपये वापस कर देंगे। पीड़ित व्यापारी ने बताया कि उसने तहसील से बमुश्किल कागजात निकलवाये और राजीव सक्सेना व मिथलेश कुमारी को दिखाये, तो वे धमकाने लगे, साथ ही कहा कि जो कर मिले, सो कर लेना, हम लोग रूपये वापस नहीं करेंगे।
उक्त लोगों द्वारा धमकाने के बाद घबराया व्यापारी पुलिस की शरण में चला गया। पीड़ित ने थाना सिविल लाइन में प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई करने एवं सुरक्षा दिलाने की मांग की है। पुलिस प्रकरण की जाँच कर रही है। यहाँ यह भी बता दें कि आरोपी राजीव सक्सेना मनरेगा में सहायक लेखाकार के पद पर कार्यरत है और वर्तमान में ब्लॉक कादरचौक में तैनात है, यह बाबू ऊंची राजनैतिक पहुंच के चलते दबंगई से रहता है और पुलिस से भी नहीं डरता, साथ ही राजनेताओं पर दबाव बनाये रखने के उद्देश्य से अपनी जाति का संगठन बना रखा है, जिसका पदाधिकारी है और समय-समय पर समारोह आयोजित करता रहता है। हाल ही में इसने होली मेले का आयोजन किया था, जिसके बड़े-बड़े होर्डिंग्स पूरे शहर में लगे नजर आ रहे हैं। दूसरी आरोपी मिथलेश कुमारी सुगंधा स्वीट की मालकिन हैं।