दिल्ली के निर्भया कांड की तरह गाजियाबाद के स्नैपडील कंपनी की सेक्रेटरी दीप्ती सरना के सनसनीखेज अपहरण कांड की कड़ियाँ भी बदायूं जिले से जुड़ गई हैं। पुलिस ने घटना का खुलासा कर दिया है, जिससे देश भर के लोग चकित हैं। सिरफिरा प्रेमी और इनामी बदमाश देवेन्द्र शर्मा उर्फ राजीव उर्फ लीलू के साथ प्रदीप उर्फ फौजी निवासीगण हरियाणा के जिला सोनीपत में स्थित गाँव कामी एवं देवेन्द्र का दोस्त मोहित गिरफ्तार हो चुके हैं, इनके साथ बदायूं जिले के कस्बा ककराला निवासी फईम व माजिद भी जेल भेजे जा चुके हैं, इन सभी ने दीप्ती को 10 फरवरी को अगवा कर लिया था।
सनसनीखेज वारदात के खुलासे के बाद ही अधिकांश लोग फईम और माजिद को जान पाये हैं, इससे पहले इन दोनों को यहाँ कोई नहीं जानता था। पठान होने के बावजूद ककराला के ही अधिकांश लोग अनभिज्ञ थे। बात कस्बा ककराला की करें, तो ककराला प्रसिद्ध कस्बा रहा है। अलापुर थाना क्षेत्र के इस कस्बे की आबादी साठ हजार के आसपास है। मुस्लिम बाहुल्य नगर है, जिसका योगदान आजादी की लड़ाई में भी महत्वपूर्ण माना जाता है, यहाँ के हजरत सकलैन मियां दूर-दूर तक पहचाने जाते हैं। राजनैतिक दृष्टि से भी बर्चस्व रहता है, यहाँ के निवासी मुस्लिम खां बहुजन समाज पार्टी से विधायक रहे हैं। ककराला की चारों दिशायें अमरुद के बागों से घिरी रहती हैं। अमरुद को लेकर ककराला ने देश भर में पहचान बनाई है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में ककराला के कुछ युवा राह भटके हैं, जिनके कुकृत्यों के चलते ककराला की पुरानी गौरवमयी पहचान धूमिल होती जा रही है। कुछ युवाओं द्वारा अपराध की राह चुन लेने के कारण ककराला में देश के विभिन्न राज्यों की पुलिस और केन्द्रीय एजेंसियों के छापे पड़ते रहते हैं, जिससे यहाँ के सभ्रांत लोग दुखी हैं। ककराला के माथे पर लग चुके कलंक के टीके का रंग फईम व माजिद ने और गहरा कर दिया है, जिससे उनके प्रति कोई सहानुभूति नजर नहीं आ रही।