बदायूं जिले की अपहरण की चर्चित वारदात में पुलिस को सफलता मिल गई है। पुलिस ने लड़की को बरामद कर लिया है, जिससे पुलिस ने राहत की साँस ली है, लेकिन अभी तक मुख्य आरोपी फरार है। मेडिकल परीक्षण के बाद लड़की को पुलिस न्यायालय में पेश करने की तैयारी कर रही है।
चर्चित वारदात बदायूं जिले में स्थित मूसाझाग थाना क्षेत्र के गाँव किसरुआ की है, यहाँ से 13 अगस्त को एक संभ्रांत यादव परिवार की 17 वर्ष की एक लड़की गायब हो गई थी। लड़की के पिता ने गाँव के ही स्वजातीय दो भाईयों और उनके एक दोस्त पर अपहरण का आरोप लगाया था। पिता की तहरीर पर पुलिस ने 15 अगस्त को धीरा, धीरपाल और अशोक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया और पुलिस लड़की की खोजबीन में जुट गई।
पीड़ित पिता पुलिस पर आरोपियों से मिलीभगत का आरोप लगाता रहा और लखनऊ स्थित विधान भवन के सामने आत्म दाह करने पहुंच गया। पहली बार पुलिस ने हाथ से केरोसिन छीन कर बचा लिया, लेकिन पुनः पत्नी सहित आत्म दाह करने पहुंच गया। पुलिस की कड़ी मशक्कत के बावजूद पत्नी झुलस गई, इसके बाद तीसरी बार परिवार सहित विधान भवन के ही सामने फिर आत्म दाह करने पहुंच गया, जिससे जिले की पुलिस की सांसें थमी हुई थीं।
बदायूं पुलिस सब कुछ छोड़ कर इस लड़की को बरामद करने में जुटी हुई थी, लेकिन पुलिस को सफलता नहीं मिल पा रही थी। बताते हैं कि सूत्रों का जाल फैला चुकी पुलिस को रविवार को खुशखबरी मिली कि लड़की नोयडा में है। पुलिस ने दबिश दी, तो लड़की बरामद हो गई, जिससे अफसरों ने राहत की सांस ली है, लेकिन अभी तक मुख्य आरोपी फरार है।
बदायूं स्थित महिला थाने में लड़की ने बताया कि उसे गाँव के ही धीरा, धीरपाल और उसके चाचा गाड़ी से ले गये थे और उसे नोयडा में बंधक बना कर रखा गया था, उसका यौन शोषण भी किया गया। पुलिस मेडिकल परीक्षण कराने के बाद लड़की को न्यायालय में पेश करने की तैयारी में जुटी हुई है। बता दें कि पुलिस धीरा और अशोक को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
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