पांच वर्ष के बच्चे सहित विवाहिता का अपहरण कर लिया गया है। अपहृता खुलेआम एक लाख रूपये की मांग कर रहे हैं। फिरौती के तीस हजार रूपये गरीब व्यक्ति दे भी चुका है, लेकिन बाकी सत्तर हजार रूपये लिए बिना अपहृता बच्चे व विवाहिता को छोड़ने को तैयार नहीं है। घटना पुलिस के संज्ञान में भी है, पर पुलिस राजनैतिक दबाव में अपहृताओं के विरुद्ध कार्रवाई करने को तैयार नहीं है।
मूसाझाग थाना क्षेत्र के गाँव मौजमपुर निवासी महेश कश्यप ने बताया कि 17 जुलाई 2015 की रात में वह खेत पर धान की पौध लगवा रहा था, जिससे पूरी रात घर नहीं लौट सका। वह सुबह घर आया, तो उसका पांच वर्षीय बेटा गुजराती व पत्नी गुड्डो देवी घर पर नहीं थे। पड़ोस में खोजबीन की, तो पता नहीं चला, फिर पूरा गाँव और आसपास के गांवों में खोजबीन की, लेकिन दोनों के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली। पीड़ित ने पुलिस को सूचना दी, तो पुलिस ने एनसीआर दर्ज कर ली।
महेश ने बताया कि 26 जुलाई को उसे एक पत्र मिला व एक कॉल भी आई कि एक लाख रूपये दे दो, तो बच्चे और पत्नी छोड़ दिए जायेंगे। पीड़ित ने किसी तरह तीस हजार रूपये जमा किये और अपहृताओं को दे दिए, लेकिन तीस हजार रूपये लेने के बाद अपहृताओं ने कहा कि बाकी सत्तर हजार रूपये भी दो, तभी पत्नी और बच्चे को छोड़ेंगे। महेश ने बताया कि उसने किसी तरह तीस हजार रूपये तो दे दिए, अब उसकी हैसियत दस हजार रूपये देने की भी नहीं है। उसने पुलिस पर भी आरोप लगाया कि पुलिस राजनैतिक दबाव में अपहृताओं के विरुद्ध कार्रवाई नहीं कर रही है, जबकि उन पर पूर्व में भी हत्या, लूट और डकैती जैसे मुकदमे दर्ज हैं। पीड़ित ने एसएसपी को प्रार्थना पत्र देकर अपहरण की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने एवं पत्नी और बच्चे को बरामद कराने की गुहार लगाई है।
मूसाझाग के थानाध्यक्ष ने बताया कि मोबाइल की लोकेशन के अनुसार फोन पंजाब से आया है, साथ ही कहा कि महेश के तीस हजार रूपये कोई दलाल खा गया। उन्होंने यह भी बताया कि अपहरण नहीं हुआ, बल्कि प्रेम प्रसंग में गई है। बोले- उस महिला के 13 बच्चे हो चुके हैं, जिनमें सात जीवित हैं और पांच वर्ष का बच्चा मां के ही साथ रहता है, इसलिए वो बच्चे को स्वयं साथ ले गई है।