बदायूं विधान सभा क्षेत्र से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलीमीन (एआईएमआईएम) के प्रत्याशी और बॉलीवुड अभिनेता खालिद परवेज ने कहा कि वे राजनीति में धन कमाने को नहीं, बल्कि डॉ. भीमराव अंबेडकर के उस सपने को साकार करने के लिए आये हैं, जो दलितों, पिछड़ों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों को बराबर करने का है, उस सपने को असदुद्दीन ओवैसी ने पूरा करने का संकल्प लिया है, इसीलिए वह उनके साथ जुड़ कर इस आंदोलन का हिस्सा बन गये हैं।
खालिद परवेज प्रति दिन तीन दर्जन से अधिक गांवों में जनसंपर्क करते हैं और गरीब व पिछड़े वर्ग के लोगों के बीच पहुंचते हैं, तो लोग उनका स्वागत करने को दौड़ पड़ते हैं। बदायूं शहर में जेएनयू से लापता छात्र नजीब को लेकर प्रदर्शन किया गया, तो उन्होंने जनसंपर्क छोड़ कर प्रदर्शन में भाग लिया, उन्हें बोलने के लिए माइक दिया गया, तो उन्होंने बोलने से यह कर मना कर दिया कि वे प्रदर्शन में नेता और अभिनेता की हैसियत से नहीं, बल्कि बदायूं के आम आदमी की हैसियत से आये हैं और वे दिल से चाहते हैं कि नजीब की बरामदगी हो।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलीमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बहुचर्चित नेता असदुद्दीन ओवैसी 11 फरवरी को बदायूं आ रहे हैं, वे परवेज कोल्ड स्टोरेज के प्रांगण में विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे, साथ ही छोटे सरकार और बड़े सरकार की ज्यारत पर चादरपोशी भी करेंगे। जनसभा को लेकर खालिद परवेज उत्साहित हैं, उन्होंने बताया कि सामने आने पर लोग समझ पायेंगे कि असदुद्दीन ओवैसी दलितों, पिछड़ों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों की लड़ाई लड़ रहे हैं।
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