बदायूं जिले में निजी स्कूल संचालकों की दबंगई पर रोक नहीं लग पा रही है। निजी स्कूल संचालक अभिवावकों के साथ खुलेआम मनमानी करते नजर आ रहे हैं। अधिकांश स्कूल मानकों के विपरीत चल रहे हैं और खुलेआम विभिन्न तरीकों से अभिवावकों से मोटी रकम ऐंठते नजर आ रहे हैं, लेकिन इस सबसे प्रशासनिक अफसर बेखबर बने हुए हैं।
शातिर किस्म के निजी स्कूल संचालकों ने ड्रेस और किताबों के लिए अपनी दुकानें तय कर रखी हैं, जिनसे वे 40 प्रतिशत कमीशन लेते हैं। पुस्तक और ड्रेस विक्रेता अभिवावकों को बिल नहीं देते, जिससे वे बड़े स्तर पर टैक्स चोरी कर सरकार को बड़ा नुकसान पहुंचाते नजर आ रहे हैं। बदायूं में विवेक पुस्तक भंडार और श्री जी ट्रेडर्स सबसे बड़े पुस्तक माफिया बताये जाते हैं, इनकी लिखित और मौखिक शिकायतें भी होती रहती हैं, लेकिन विभागीय व प्रशासनिक अफसर कार्रवाई नहीं कर रहे, जबकि दबंग पुस्तक विक्रेता कॉपी-किताबों के साथ कई निरर्थक चीजें भी अभिवावकों को जबरन देते नजर आ रहे हैं।
निजी स्कूलों में जिलोट स्कूल वसूली में और दो कदम आगे निकलता नजर आ रहा है। जिलोट की शर्त यह है कि अभिवावकों को स्कूल से ही कॉपी-किताबें लेनी होंगी, वरना वे एडमिशन भी नहीं लेंगे। लोगों का कहना है कि जिलोट से मिल रही कॉपी-किताबों के दाम मनमाने तरीके से वसूले जा रहे हैं। त्रस्त अभिवावकों ने मनमानी करने वाले स्कूल संचालकों, ड्रेस और पुस्तक विक्रेताओं पर अंकुश लगाने की मांग की है।
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श्री जी ट्रेडर्स और विवेक पुस्तक भंडार के सहारे अभिवावकों को लूट रहे हैं स्कूल