पंचतत्व फाउंडेशन की संस्थापक वॉटर वुमेन शिप्रा पाठक की माँ गोमती की आध्यात्मिक एवं जन-जागरण पदयात्रा गुरूवार को जौनपुर जिले के गोपीघाट से शुरू हुई। राहगीरों, ग्रामीणों और घाटों पर संवाद करते हुये वॉटर वुमेन देर शाम सई संगम तक पहुंच गईं, जहाँ उनका जोरदार स्वागत किया गया।
वॉटर वुमेन शिप्रा पाठक की पदयात्रा गुरूवार को जौनपुर जिले के गोपीघाट से शुरू होकर जाफराबाद, फरीदपुर और सिरकोनी बाजार होते हुये देर शाम सई संगम पर पहुंच गई, जहाँ उनका जोरदार स्वागत किया गया। पदयात्रा के दौरान विभिन्न स्थानों पर वॉटर वुमेन ने राहगीरों, ग्रामीणों और घाटों पर भक्तों से संवाद किया। वॉटर वुमेन ने माँ गोमती को स्वच्छ रखने और किनारों पर पौधारोपण करने का आह्वान किया।
बदायूं जिले में भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष राजीव कुमार गुप्ता की पत्नी एवं भाजपा नेत्री शुभ्रा गुप्ता, अवनेश गुप्ता एवं कीर्ति गुप्ता ने सई संगम पर पहुंच कर वॉटर वुमेन को बधाई दी। भाजपा नेत्री शुभ्रा गुप्ता ने कहा कि शिप्रा पाठक अब वॉटर वुमेन के नाम से देश-विदेश में विख्यात हैं, वे जो कार्य कर रही हैं, वो अद्भुत हैं, उनके कार्य और लोकप्रियता से न सिर्फ दातागंज बल्कि, बदायूं जिले का भी नाम प्रसिद्ध हो रहा है, जिस पर मुझे और प्रत्येक बदायूंनी को गर्व की अनुभूति होती है।
वॉटर वुमेन शिप्रा पाठक ने अपने नगर दातागंज से आये लोगों का स्वागत करते हुये आभार जताया, साथ ही कहा कि व्यक्ति का जहाँ जन्म होता है, जहाँ पला-बढ़ा होता है, वहां के लोग व्यक्ति को बहन, भाई, बेटा और बेटी के ही रूप में देखते रहते हैं, जिससे व्यक्ति को जन्म स्थान पर कभी विशेष सम्मान नहीं मिलता पर, वे ईश्वर की आभारी हैं, जो उन्हें उनके नगर के लोग भी वॉटर वुमेन कहते हैं और बाहर के लोगों की तरह ही विशेष सम्मान देते हैं, जिससे उन्हें लगता है कि वे जो कार्य करने निकली थीं, उसमें वे सफल हो रही हैं।
शुभ्रा गुप्ता ने परिवार सहित माँ गोमती का आचमन कर पुण्य लाभ लिया एवं सई संगम पर वॉटर वुमेन के साथ माँ गोमती की आरती भी की। वॉटर वुमेन के पिता एवं वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. शैलेश पाठक ने भी शुभ्रा गुप्ता का स्वागत किया और आभार जताया।
राजनीति और कैरियर की जगह वॉटर वुमेन ने पंचतत्वों को चुना
शिप्रा पाठक की दादी संतोष कुमारी पाठक बदायूं जिले में दातागंज विधान सभा क्षेत्र से कई दशक तक विधायक रही हैं, उनके पिता डॉ. शैलेश पाठक भी वरिष्ठ भाजपा नेता हैं पर, शिप्रा पाठक ने राजनीति और अपने स्थापित कैरियर को छोड़ कर जल के संरक्षण में अपना जीवन लगा दिया है, इसी क्रम में 28 फरवरी को संकल्प लेने के बाद 1 मार्च से वॉटर वुमेन द्वारा पीलीभीत में उद्गम स्थल से वाराणसी में कैथी स्थित विलय स्थल तक की जा रही 960 किलोमीटर की पदयात्रा की जा रही है, इससे पहले वॉटर वुमेन नर्मदा की 3600 किलोमीटर की परिक्रमा, मेकल पर्वत की परिक्रमा, शिप्रा की पदयात्रा, सरयू की पदयात्रा और कैलाश मानसरोवर की पदयात्रा कर चुकी हैं, साथ ही उन्होंने एक करोड़ पौधे लगवाने का संकल्प लिया है और दस लाख से अधिक पौधे लगवा चुकी हैं, वे नदियों के घाटों को साफ कराने के लिये पहचानी जाती हैं, जिससे लोगों ने उन्हें वॉटर वुमेन नाम दे दिया है। वॉटर वुमेन ने नर्मदा परिक्रमा पर रेवा एवं शिप्रा की पदयात्रा पर मोक्षदायिनी शिप्रा नाम से पुस्तकें भी लिखी हैं, वे माँ गोमती की पदयात्रा पर भी पुस्तक लिखेंगी।
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