बरेली जिले के विथरी चैनपुर विधान सभा क्षेत्र से दबंग बसपा विधायक वीरेन्द्र कुमार गंगवार आदि के प्रकरण में डीआईजी ही पीछे हट गये हैं। उन्होंने विवेचना स्थानांतरित करने का आदेश वापस ले लिया है। अब बदायूं की पुलिस ही विवेचना करेगी।
उल्लेखनीय है कि बदायूं स्थित सिविल लाइन थाना पुलिस ने 13 सितंबर 2015 को धारा- 420, 468, 504 एवं 506 आईपीसी के अंतर्गत बरेली जिले की बिथरी चैनपुर विधानसभा क्षेत्र से बसपा विधायक वीरेंद्र कुमार गंगवार आदि के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था, इस मुकदमे में दिल्ली के आजादपुर में स्थित बिल्टैक रजिस्टर्ड कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर देव नारायण वादी हैं।
उक्त प्रकरण में सिविल लाइन थाना पुलिस ने गवाह और सुबूत जुटा कर न्यायालय से विधायक वीरेंद्र कुमार गंगवार आदि के विरुद्ध वारंट प्राप्त किया, साथ ही पुलिस कुर्की वारंट लेने की तैयारी कर रही थी, जिसकी भनक किसी तरह विधायक को लग गई, तो विधायक ने डीआईजी से बरेली की क्राइम ब्रांच के लिए विवेचना स्थानांतरित करा ली, जिसकी खबर गौतम संदेश ने प्रकाशित की। खबर के बाद डीआईजी ने अपना आदेश वापस ले लिया। हालाँकि अभी आदेश के संबंध में अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पा रही है। यह भी बता दें कि डीआईजी ने अभियुक्त विधायक के ही प्रार्थना पत्र पर विवेचना स्थानांतरित कर दी थी, जो कि नियम विरुद्ध आदेश था।
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अभियुक्त विधायक के प्रार्थना पर स्थानांतरित कर दी विवेचना
दबाव के चलते विधायक को गिरफ्तार नहीं कर रही पुलिस