प्रेस की स्वतंत्रता का मुद्दा दुनिया भर में चिंता का विषय बना हुआ है। पत्रकारों के मानवाधिकारों की रक्षा करने वाले अंतर्राष्ट्रीय संगठन ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ ने अपनी ताजा रिपोर्ट जारी की है, जिसमें पत्रकारों के लिए असुरक्षित देशों की सूची सार्वजनिक की गई है। पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक देश इराक है।
‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ द्वारा प्रेस की आजादी के लिए तैयार किए गए अंतर्राष्ट्रीय (2017 वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स) में 180 देशों में पाकिस्तान को 139वां स्थान मिला है। शुक्रवार (3 नवंबर) को जारी की गई रिपोर्ट में में बताया गया है कि 2016 में पाकिस्तान इस सूची में 146वें स्थान पर था, वहीं इस रिपोर्ट में भारत का स्थान 136वां है, जिसका मतलब है कि दुनिया के 135 देशों में पत्रकारों को भारत से अधिक आजादी हासिल है। रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण एशिया के इन दोनों देशों में कई अन्य राष्ट्रों के मुकाबले कहीं ज्यादा प्रेस की आजादी है, यहां पत्रकार आतंकियों, धार्मिक समूहों और माफियाओं के निशाने पर होते हैं, इसलिए उन्हें खतरा बना रहता है।
पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गठित न्यूयॉर्क की कमेटी ने 60 पत्रकारों का नाम दिए हैं, जो 1994 से लेकर अभी तक पाकिस्तान में मारे गए हैं, लेकिन कमेटी ने पाकिस्तान को इस साल सबसे खतरनाक देशों की सूची में शामिल नहीं किया है। पत्रकारों के लिए सर्वाधिक खतरनाक नौ देशों की सूची में इराक सबसे ऊपर है और दूसरे नंबर पर सीरिया और तीसरे पर मेक्सिको है, वहीं अफगानिस्तान सातवें स्थान पर है।
रिपोर्टर विदाउट बार्डर यानी आरएसएफ का कहना है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र सबसे खराब होने के मामले में तीसरे स्थान पर आते हैं, जहां सबसे ज्यादा कानूनों का उल्लंघन होता है। चीन और वियतनाम दो ऐसे देश हैं, जो पत्रकारों व ब्लॉगरों के सबसे बड़े कारागार हैं।
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