बदायूं के जिला चिकित्सालय में अव्यवस्थायें देख कर जिलाधिकारी पवन कुमार की त्योरियां चढ़ गईं, उन्होंने सीएमओ तथा सीएमएस को कड़ी चेतावनी देते हुए लताड़ भी लगाई। पहली बार किसी डीएम ने रसोई का गंभीरता से निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने समस्त सुविधायें तत्काल दुरुस्त करने के निर्देश दिए एवं कई लापरवाह व बदतमीजों को सार्वजनिक रूप से लताड़ा भी।
जिलाधिकारी पवन कुमार गुरूवार को अचानक जिला अस्पताल पहुंच गये, तो वहां हड़कम्प मच गया। जिलाधिकारी को देखते ही सीएमओ तथा सीएमएस के पसीने छूट गए। डॉ. अवधेश ओपीडी में न पाये जाने के साथ ही डॉ. आरएस यादव, डीके शुक्ला तथा जितेन्द्र यादव के अनुपस्थित पाए जाने पर जिलाधिकारी ने अनुशासनात्मक कार्रवाई के साथ ही वेतन काटे जाने के निर्देश दिए हैं। चिकित्सालय के रसोई घर में व्याप्त गंदगी पर और फर्श पर बैठकर भोजन बनाने को लेकर डीएम ने कड़ी नाराज़गी जताई और निर्देश दिए कि भोजन बनाने के लिए स्लेव का प्रयोग करें। जिलाधिकारी ने रसोई घर की मरम्मत कराकर पेयजल सहित विशेष सफाई व्यवस्था रखने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने मरीजों को दिए जाने वाले भोजन की जांच पड़ताल की जिम्मेदारी सीएमओ तथा सीएमएस को देते हुए कहा एक जून 2016 को जारी शासनादेश के तहत मरीजों को भोजन वितरण कराने के संबंध में जांच कर आख्या दें।
चिकित्सालय परिसर में दो एवं चौपहिया वाहन तथा टैम्पू खड़े देखकर डीएम का पारा चढ़ गया। उन्होंने जिला चिकित्सालय की सीएमएस प्रवीना माहेश्वरी और सीएमओ डॉ. सुनील कुमार को कड़ी फटकार लगाते हुए निर्देश दिए कि चिकित्सालय परिसर में वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबन्ध लगाया जाए। जिलाधिकारी सर्वप्रथम इमरजेंसी कक्ष में पहुंचे, तो वहां डयूटी बोर्ड पर चिकित्सकों व कर्मचारियों के नाम नहीं लिखे थे। कक्ष में तीमारदारों की भीड़ देख डीएम ने व्यंगात्मक अंदाज में पूछा क्या यही इमरजेंसी कक्ष है? उन्होंने इमरजेंसी वार्ड में जाकर मरीजों से भी वार्ता की और मरीजों के बैड के पास दवाओं का अभिलेख मौजूद न पाए जाने पर स्टाफ नर्स की कड़ी फटकार लगाई। जिलाधिकारी ने ओपीडी में जाकर स्थिति का जायजा लिया। डॉ. आशु अग्रवाल के कक्ष में टूटी कुर्सियां पाए जाने पर उन्होंने अप्रसन्नता व्यक्त की। संबंधित लेखा लिपिक और यह कार्य देखने वाले कर्मी विश्राम सिंह को तलब कर एक हफ्ते में फर्नीचर ठीक कराए जाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने एंटी रैवीज़ लगने वाले कक्ष का भी निरीक्षण किया और हिदायत दी कि किसी भी दशा में एंटी रैवीज और एंटी स्नेक की वैक्सीन का अभाव नहीं रहना चाहिए। जिलाधिकारी ने जरनेटर, अलग विद्युत फीडर के संबंध में भी जानकारी हासिल की और अभी तक विद्युत फीडर चालू न होने पर विद्युत विभाग के अधिशासी अभियन्ताओं को निर्देश दिए कि फीडर शीघ्र चालू किया जाए।
डेंगू तथा चिकिनगुनिया के मरीजों के लिए बनेगा अलग काउंटर
जिलाधिकारी ने चिकित्सालय में डेंगू तथा चिकिनगुनिया के मरीजों को देखने के लिए अलग काउंटर और वार्ड बनाए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे मरीजों के इलाज में किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। उनकी समय से सभी जांचे हों और बेहतर ढंग से इलाज किया जाए। डीएम ने चिकित्सालय की खराब डिजिटल एक्स-रे मशीन को दो दिन में ठीक कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सालय में मरीजों के साथ-साथ तीमारदारों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए। चिकित्सालय में लगा पेयजल टैंक फटा होने के कारण उससे पानी निकलता देख जिलाधिकारी ने शीघ्र ठीक कराने के निर्देश देते हुए खराब हैंडपंपों को ठीक कराने को कहा है।
उपस्थिति रजिस्टर में विधिवत हस्ताक्षर करें
जिलाधिकारी ने उपस्थिति पंजिका में कैपिटल लैटर लिखकर हस्ताक्षर करने को गलत तरीका बताते हुए कहा कि ऐसे तो कोई भी व्यक्ति किसी नाम के सामने आरके, ओपी आदि लिखकर हस्ताक्षर कर सकता है। उन्होंने पंजिका में विधिवत हस्ताक्षर करने के निर्देश दिए हैं।
गरिमा के विरुद्ध व्यवहार करने पर डॉक्टर को लताड़ा
जिलाधिकारी पवन कुमार ने जिला चिकित्सालय में आसंक्रामक रोगों के इलाज के लिए अलग सेल (एनसीडी) बनाए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होने कहा कि इस सेल में कैंसर, हाईपरटैंशन (उक्त रक्तचाप), डायबीटीज़, ब्रेन स्ट्रोक (दिमागी दौरा), पैरालाइसिस आदि जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज किया जाएगा। जिलाधिकारी ने डॉ. आरके वर्मा को तलब किया तो वह जिलाधिकारी के तेवरों को भांप नहीं सके और उनकी बात सुने बिना बिल्कुल निकट जाकर अपना दुखड़ा रोना शुरू कर दिया, जिस पर जिलाधिकारी ने कड़ी फटकार लगाई और कहा कि पहले जिलाधिकारी की गरिमा को दृृष्टिगत रखते हुए उनसे बात करने का तरीका सीख लेना चाहिए।
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