मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के दौरे को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी पूरी सर्तकता बरत रहे हैं, लेकिन ग्राम स्तरीय अधिकारी किसी कार्य में कोई रूचि नहीं ले रहे हैं। सीएचसी बिनावर में गन्दगी और बैड पर बिछी घटिया चादरों को देखकर सीडीओ स्तब्ध रह गए। स्टाफ नर्स संजीनिला लाल दो मई से नदारद हैं और एमओआईसी डॉ. पवन कुमार 12 मई से बिना अवकाश स्वीकृति के अनुपस्थित चल रहे हैं। ब्लाक जगत के ग्राम इकराम नगर के परिषदीय स्कूल को जाने वाले मार्ग की दशा अत्यन्त दयनीय है। पानी निकासी का कोई रास्ता नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति ने सड़क पर अपने घर के सामने गड्ढे खोद रखे हैं।
शनिवार को मुख्य विकास अधिकारी प्रताप सिंह भदौरिया ने एसपी (सिटी) अनिल कुमार यादव, एसडीएम (सदर) प्रदीप कुमार यादव, प्रभारी जिला पंचायत राज अधिकारी राजेश यादव सहित अन्य सम्बंधित अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री के दौरे को दृृष्टिगत रखते हुए बरेली रोड पर स्थित ग्रामों, विद्यालयों एवं बिनावर सीएचसी का स्थलीय निरीक्षण किया। ग्राम इकराम नगर में सड़क की दुर्दशा को देखकर सीडीओ ने सचिव रमेश को निलम्वित किए जाने के निर्देश देते हुए अनुपस्थित चिकित्सक और स्टाफ नर्स का जवाब तलब कर दोषी पाए जाने की दशा में अग्रिम आदेशों तक वेतन रोके जाने के निर्देश दिए हैं। इकराम नगर के प्राथमिक विद्यालय में अग्निशमन यन्त्र भी नहीं पाए गए। गांव का आंगनबाड़ी केन्द्र स्कूल के बरामदे में चलाया जा रहा है। सीडीओ ने स्कूल की साफ सफाई कराकर पुताई आदि कार्य पूर्ण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री के दौरे से पहले गांव के तलाब का भी जीर्णोद्धार कराने के निर्देश दिए। बिनावर में स्थित परिषदीय स्कूल की स्थिति देखकर सीडीओ ने संतोष जताया, लेकिन स्कूल में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों की उपस्थित मात्र 35 प्रतिशत ही बताई गई। बिनावर में रविवार को प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में अतिक्रमण हटाया जाएगा। रोड किनारे के गांवों में साफ सफाई कराने हेतु पंचायत राज विभाग के सफाई कर्मियों की टीमें बनाकर लगाया गया है। बदायूं-बरेली फोरलेन पर मरम्मत और रंगाई पुताई तथा रिफ्लेक्टर लगाए जा रहे हैं।
सीएचसी बिनावर में महिला वार्ड में पुरूष रोगी भर्ती पाए गए और पुरूष वार्ड में बैड ही नहीं डाले गए हैं। वर्ष 2012 में भवन स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया गया है, लेकिन देख रेख और साफ सफाई के अभाव में हालात बदतर हो गए हैं। चिकित्सालय के मुख्य गेट को निकालकर कौन ले गया, यह कोई भी चिकित्सक जवाब नहीं दे सका। घटिया चादरों को देखकर जब सीडीओ ने फार्मेसिस्ट कंचन कुमार जोशी की कड़ी फटकार लगाई, तो उन्होंने बताया कि इन चादरों की आपूर्ति सीएमओ कार्यालय द्वारा की गई है, जिसपर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि पत्र भेजकर सीएमओ से भी चादरों की गुणवत्ता के सम्बन्ध में जवाब मांगा जाएगा।