बदायूं जिले के दो सिपाहियों के हत्यारोपी परिवार को न खोज पाने वाली पुलिस की देश भर में फजीहत हो रही है। दुःखद घटना की समीक्षा पुलिस मुख्यालय द्वारा की जा रही है, इसके बावजूद पुलिस वाले ही इतने लापरवाह और संवेदनहीन साबित हो रहे हैं कि आम जनता स्तब्ध है। हत्यारोपी परिवार को खोजने गई पुलिस टीम अपने घर जाकर मस्त हो गई।
जी हाँ, लापरवाही और संवेदनहीनता का सनसनीखेज मामला संज्ञान में आया है। बताते हैं कि हत्यारोपी जगतपाल मौर्य और उसके परिवार को पकड़ने के लिए पुलिस की टीमें विभिन्न शहरों के लिए रवाना की गई हैं, जिनमें एक टीम उत्तराखंड के बाजपुर और काशीपुर के लिए भेजी गई, जिसमें एसओ इस्लामनगर सीपी सिंह और सिपाही राजवीर सम्मलित थे। बताते हैं कि सीपी सिंह और राजवीर 22 फरवरी को रवानगी कर के चले गये, लेकिन आज देर रात तक भी बाजपुर और काशीपुर नहीं पहुंचे हैं। सूत्रों का कहना है कि दोनों का परिवार मुरादाबाद में रहता है, जहाँ दोनों ही न सिर्फ आराम फरमा रहे हैं, बल्कि मस्ती कर रहे हैं। हालाँकि पुलिस विभाग के अफसर लापरवाही और संवेदनहीनता नहीं मान रहे हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि दोनों के विरुद्ध रपट लिखा दी गई है, इस संबंध में आम लोगों को पता चला तो अधिकांश लोग स्तब्ध रह गये और यह तक कहते सुने गये कि अपनों के मरने पर पुलिस का यह हाल है, ऐसे में आम जनता के प्रति क्या सोच रहती होगी, इसका अंदाजा सहजता से लगाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि 17 फरवरी की शाम को बिल्सी थाना क्षेत्र के गाँव गढ़ौली में डीजे बंद कराने गये दो सिपाहियों को एक व्यक्ति ने हमला कर घायल कर दिया था। सिपाही शहीम की उसी दिन मृत्यु हो गई और दूसरे घायल सिपाही भीमसेन ने भी तीन दिन बाद बरेली में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। उक्त घटना में बिल्सी के एसओ नरेद्र पाल सिंह यादव द्वारा 42 वर्षीय जगतपाल मौर्य, उसकी 40 वर्षीय पत्नी कांता देवी, 17 वर्षीय बेटी छाया, 15 वर्षीय बेटी सविता और 13 वर्षीय बेटा प्रवीण को आरोपी बनाया गया और धारा- 147/148/149/333/353/307/302/34 आईपीसी के अंतर्गत मुकदमा अपराध संख्या- 119/16 पंजीकृत कराया गया। पुलिस ने प्रत्येक आरोपी के पकड़वाने पर पांच-पांच हजार रूपये इनाम देने की घोषणा की है, साथ ही हत्यारोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की 13 टीमें गठित की गई हैं।
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