पैसा और ग्लैमर की दृष्टि से क्रिकेट का खेल फिल्मों से आगे निकल गया है, साथ ही फिल्मों की तुलना में क्रिकेट के खेल से जुड़ने पर अपार सम्मान भी मिलता है। क्रिकेट की आड़ में बहुत कुछ ऐसा-वैसा करने पर भी आम जनता आसानी से विश्वास नहीं करती, इसीलिए क्रिकेट की ओर न सिर्फ अभिनेता, बल्कि बड़े उद्योगपति और बड़े राजनेता भी लगातार आकर्षित होते नजर आ रहे हैं।
ग्लैमर, धन और अपार सम्मान के चलते ही क्रिकेट के खेल के आयोजन मेट्रो शहर की सीमा पार करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में भी दस्तक दे चुके हैं। रोटी, कपड़ा, मकान, स्वास्थ और सुरक्षा की जंग लड़ रहे उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में भी सफल आयोजन हो रहे हैं। आईपीएल की तर्ज पर पिछले दिनों लखनऊ में इण्डियन ग्रामीण क्रिकेट लीग का आयोजन चर्चा में रहा। दबी जुबान कई तरह की चर्चायें भी चलीं, लेकिन सभी चर्चाओं को दरकिनार करते हुए इण्डियन ग्रामीण क्रिकेट लीग का आयोजन अब झाँसी में किया जा रहा है।
झांसी स्थित रेलवे इंस्टिट्यूट के मैदान में इण्डियन ग्रामीण क्रिकेट लीग का मंगलवार को भव्य समारोह आयोजित कर शुभारंभ किया गया। मस्ती और आनंद से सराबोर कर देने वाले शानदार कार्यक्रम के बीच मुख्य अतिथि सपा सांसद धर्मेन्द्र यादव ने बल्लेबाजी करते हुए शुभारंभ किया, इस दौरान तमाम राजनैतिक और सिने जगत से जुड़ीं नामी हस्तियाँ मौजूद रहीं, जिनमें विशिष्ट अतिथि के रूप में तहसीलदार को फोन पर हड़काने वाले चर्चित राज्यसभा सांसद डॉ. चन्द्रपाल सिंह यादव, विधायक दीपनारायण सिंह यादव, मण्डलायुक्त के. राममोहन राव, सेना के जीओसी मेजर जनरल आलोक क्लेर, मण्डल रेल प्रबन्धक एस.के. अग्रवाल, जिलाधिकारी अनुराग यादव आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे। इस दौरान अभिनेता सोनू सूद ने डायलॉग बोल कर दर्शकों का मनोरंजन किया एवं गायिका सोनू कक्कड़ ने भी दर्शकों का मनमोह लिया। सिंगर शारिब-तोषी भी खूब पसंद किये गये। इस दौरान हड़बड़ी के चलते भीड़ पर पुलिस ने कई बार लाठी चार्ज भी किया।
मैदान पर लगभग 5 हजार दर्शकों के बैठने की व्यवस्था की गई है। समूचा जिला प्रशासन पिछले कई दिनों से आयोजकों के साथ तैयारियों में जुटा हुआ था। आश्चर्य की बात यह है कि भूख और भय से जूझ रहे इलाके में भी सौ से ज्यादा टीमों ने भाग लेने के लिए आवेदन किया था, जबकि प्रतियोगिता मात्र 32 टीमों के बीच होगी। आयोजकों ने 64 टीमों का चयन किया है, जिनमें क्वालिफाई राउंड कराने के बाद 32 टीम शेष बच जायेंगी। खैर, क्रिकेट के खेल के जानकारों का मानना है कि सट्टे और फिक्सिंग से क्रिकेट के खेल में इतना रुपया आता है, जिसकी कल्पना कर पाना आसान नहीं है, लेकिन आईजीसीएल में ऐसा कुछ न होने का दावा किया जाता रहा है।
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