केंद्र सरकार को ब्लैक मेल करने में विफल साबित हुए सर्राफा व्यवसायियों ने हड़ताल वापस ले ली है। दुकानें खुलने लगी हैं, लेकिन अब तक हड़ताल के बहाने गुंडई कर रहे सर्राफा व्यवसायी अब दुकान खोलने में भी दबंगई दिखा रहे हैं। साप्ताहिक बंदी के बावजूद आज सुबह से ही बदायूं में एचएस का शोरूम खुला नजर आ रहा है।
खरे सोने के सहारे आम आदमी को लूटने की शुरुआत मेरठ से होती है। अधिकांश गहने मेरठ में ही तैयार किये जाते हैं, वहां का माल आसपास ही नहीं, बल्कि उत्तर भारत में बेचा जाता है। केंद्र सरकार के नये नियमों से सर्वाधिक नुकसान मेरठ के व्यवसायियों को होने वाला है, जिससे उन्हीं के आह्वान पर उत्तर भारत के सर्राफा व्यवसायी प्रदर्शन कर रहे थे, जबकि छोटे व्यापारी नियमों के दायरे में नहीं आते।
बदायूं में हरसहायमल श्यामलाल फर्म नियमों के दायरे में आ सकती है, इसीलिए इस फर्म के स्वामी ने बदायूं में आंदोलन को धार देने का भरपूर प्रयास किया, लेकिन उल्टा सर्राफा व्यवसायियों को ही नुकसान हुआ। जनता पर कोई अंतर नहीं पड़ा, तो थकहार कर हड़ताल समाप्त कर दी गई। दुकानें और शोरूम खुलने लगे हैं, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि छोटे व्यवसायियों ने आज दुकानें नहीं खोलीं, पर हरसहायमल श्यामलाल फर्म का शोरूम साप्ताहिक बंदी के बावजूद खुला हुआ है, जिसे देख कर बराबर के एक-दो शोरूम और खोल लिए गये, जो खुलेआम दबंगई ही कही जायेगी। खुलेआम की जा रही दबंगई के बावजूद प्रशासनिक अफसर मौन हैं। साप्ताहिक बंदी के दिन शोरूम खोलने वाले संचालकों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसकी शहर में व्यापक स्तर पर चर्चा की जा रही है।
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