बदायूं जिले का उत्तर प्रदेश शासन के आवास आयुक्त धीरज साहू को नोडल अधिकारी बनाया गया है, वे विकास कार्यों के सत्यापन और कानून व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए आये हुए हैं, लेकिन उन्होंने वही सब देखा, जो अफसरों ने दिखाया। विकास कार्यों की स्थिति के संबंध में उन्होंने जिले के अफसरों की ही रिपोर्ट को देखा और उस पर ही सवाल-जवाब कर लिए, जबकि हालात भयावह हैं। स्वच्छता अभियान की दृष्टि से सर्वाधिक महत्वपूर्ण पद है जिला पंचायत राज अधिकारी का, पर उन्होंने सीडीओ से नहीं पूछा कि थर्ड ग्रेड के कर्मचारी शशिकांत शर्मा को प्रभारी डीपीआरओ कैसे बना रखा है?
इसी तरह बाईपास का कार्य रुका हुआ है, लेकिन संबंधित अफसरों ने रिपोर्ट दी कि कार्य प्रगति पर है, जिसे उन्होंने आसानी से स्वीकार कर लिया। कई गाँव ऐसे हैं, जहाँ सत्र-14-15 के आवासों के शौचालय अभी तक नहीं बनाये गये हैं, पर इस ओर उनका ध्यान नहीं गया। जिले का सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है राजकीय मेडिकल कॉलेज, उसको लेकर भी उन्होंने वही सब मान लिया, जो अफसरों ने बताया, साथ ही प्रशासक बनने के बाद नगर निकायों की स्थिति और ज्यादा खराब हो गई है, बैंक एकाउंट चपरासी तक के नाम खोले गये हैं, जिस पर उनका ध्यान नहीं गया, इसके अलावा वे आम जनता से भी नहीं मिले एवं टीवी चैनल के पत्रकार बात करने पहुंचे, तो उनसे भी बात करने से स्पष्ट मना कर दिया।
उधर नोडल अधिकारी धीरज साहू ने गुरुवार को विकास भवन स्थित सभा कक्ष में प्रभारी जिलाधिकारी/ मुख्य विकास अधिकारी शेषमणि पाण्डेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चन्द्र प्रकाश सहित समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ शासन के प्राथमिकता वाले विकास कार्यों की गहन समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अलावा समस्त एसडीएम, बीडीओ तथा जिला स्तरीय अधिकारियों को हर माह पांच-पांच परिषदीय विद्यालयों का औचक निरीक्षण का लक्ष्य निर्धारित किया जाए। जननी सुरक्षा योजना अन्तर्गत बैंक एकांउट एवं आधार कार्ड के अभाव में यदि प्रसूता का भुगतान संभव न हो, तो उस क्षेत्र की आशा का भी भुगतान तब तक न किया जाए, जब तक प्रसूता का भुगतान न हो जाए। आवास आयुक्त ने कानून एवं शांति व्यवस्था की समीक्षा करते हुए डकैती, लूट, मर्डर, एनएसए, गैंगस्टर, गुण्डा एक्ट में की गई कार्यवाही के सम्बंध में जानकारी हासिल की।
स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करते हुए उन्होंने तैनात चिकित्सकों, रिक्त पदों, उपकरणों की उपलब्धता के सम्बंध में सीएमओ से विस्तृत जानकारी ली। दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बाढ़ क्षेत्रों एवं तटबंधों की सुरक्षा के सम्बंध में भी समीक्षा की। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन अजय कुमार श्रीवास्तव, परियोजना निदेशक डीआरडीए विजय कुमार श्रीवास्तव, जिला विकास अधिकारी सेवाराम चौधरी सहित समस्त एसडीएम, अन्य जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।
आवास विकास कालौनी को नगर पालिका में शामिल करायें
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