बदायूं के चर्चित होटल कंट्री इन की पैमाइश की गई, तो उसमें कब्रिस्तान की जमीन पाई गई। टीम ने रिपोर्ट तहसीलदार को प्रेषित कर दी, लेकिन कार्रवाई कराने की जगह तहसीलदार ने रिपोर्ट दबा दी है, जिससे बहुत बड़े वर्ग में आक्रोश पनप रहा है, जो कभी भी आंदोलन का रूप ले सकता है।
उल्लेखनीय है कि आरिफपुर नबादा के रकवे में कब्रिस्तान की जमीन कब्जा कर होटल कंट्री इन बनाया गया है। प्रदेश सरकार ने सरकारी भूमि से अवैध कब्जे हटाने को एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स बनाया, तो माना जा रहा था कि होटल कंट्री इन का मालिक जेल जाने से बच नहीं पायेगा, साथ ही उम्मीद जताई जा रही थी कि सोत नदी कब्जाने वाले, शहर से सटे गाँव नगला शर्की के तालाब और ग्राम समाज की भूमि कब्जाने वाले, दातागंज तिराहे पर प्राचीन तालाब चंदोखर के हत्यारे, कबूलपुरा का कब्रिस्तान कब्जाने वाले और नगर पालिका व वक्फ की अरबों की जमीन हथियाने वाले भी जेल जायेंगे, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
चौंकाने वाली बात यह है कि कब्रिस्तान का लगभग चार मीटर हिस्सा कब्जा कर होटल कंट्री इन बनाया गया है, जिसकी लिखित में शिकायत की गई। सपा नेता स्वाले चौधरी और अन्य तमाम लोगों की शिकायत पर कमेटी गठित की गई, जिसने होटल कंट्री इन की जमीन पर पैमाइश की। पैमाइश में कब्रिस्तान की जमीन कब्जाने की पुष्टि हो गई, जिसकी रिपोर्ट टीम ने तहसीलदार को दे दी, पर कार्रवाई करने की जगह तहसीलदार ने रिपोर्ट दबा ली, जिससे तरह-तरह की आशंकायें व्यक्त की जा रही हैं। तहसीलदार ने होटल कंट्री इन के मालिक के विरुद्ध शीघ्र कार्रवाई नहीं कराई, तो आक्रोशित जनता कभी भी आंदोलन कर सकती है। अवैध कब्जे हटवाने को लेकर मुख्यालय पर प्रशासनिक लापरवाही स्पष्ट नजर आ रही है, ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि दूर ग्रामीण क्षेत्रों में एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स क्या कर पायेगा।
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