बदायूं से उठा कर फेंक दिए गये जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी करते कम और दिखाते ज्यादा थे, लेकिन नवागत जिलाधिकारी पवन कुमार दिखाते कम और करते ज्यादा हैं। बुधवार की रात में कार्यभार ग्रहण करने वाले पवन कुमार गुरूवार को सीधे काम में जुट गये। उन्होंने समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सचेत किया है कि वह कार्यालय में निर्धारित समय पर पहुंचने की आदत डाल लें, अन्यथा औचक निरीक्षण के दौरान कार्यालय से नदारद रहने वाले अधिकारियों तथा कर्मचारियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी।
गुरुवार को जिलाधिकारी ने एडीएम (प्रशासन) अजय कुमार श्रीवास्तव, एसडीएम (सदर) जंग बहादुर के साथ कलेक्ट्रेट परिसर स्थित कार्यालयों का निरीक्षण किया। उन्होंने कई कार्यालयों में साफ-सफाई का अभाव पाये जाने और छतों पर घास मिलने पर अप्रसन्नता जताई और निर्देश दिए कि साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने अधिकारियों को भी चेतावनी दी कि वह निर्धारित समय तक कार्यालय में उपस्थित रहकर जनता की शिकायतों, समस्याओं को सुनकर उनका गुणवत्ता पूर्वक निस्तारण कराना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने रिकॉर्ड रूम, राजस्व अनुभाग, नजारत, असलाह दफतर, नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय, एकल खिड़की कक्ष, एनआईसी, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम सहित कई अन्य कार्यालयों का निरीक्षण करते हुए स्पष्ट कर दिया कि व्यक्ति नहीं, बल्कि उसका कार्य उसकी पहचान होती है। नाकारा, कामचोर अधिकारी, कर्मचारी उन्हें कतई पसन्द नहीं हैं।
इसके बाद जिलाधिकारी पवन कुमार ने कलेक्ट्रेट स्थित सभा कक्ष में सभी एसडीएम एवं तहसीलदारों सहित जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर अपनी मंशा और कार्यप्रणाली के सम्बन्ध में सन्देश देते हुए कहा कि डयूटी पर मुस्तैद रहकर अपने दायित्वों को भली-भांति अंजाम देने वाले अधिकारी ही उन्हें पसन्द हैं। उन्होंने कहा कि जनपद सहारनपुर के उनके कार्यकाल में प्रदेश स्तर पर जनपद प्रथम स्थान पर था और वह चाहते हैं कि अब यह जनपद भी प्रथम रहे। जिलाधिकारी ने राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत 1640 गांवों में अभी तक मात्र 620 गांवों का ही विद्युतीकरण होने पर नाराजगी जताई। विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियन्ता जिलाधिकारी के कई सवालों का संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। वृृद्धा, विधवा और विकलांग पेंशन में अभी बहुत ही कम आधार नम्बर लिंक होने पर जिलाधिकारी ने असंतोष व्यक्त किया। वृृद्धावस्था पेंशन योजना अन्तर्गत पूरे माह में मात्र बीस लाभार्थियों का ही आधार नम्बर लिंक किया गया है। जिलाधिकारी ने इसे लापरवाही बताते हुए सुधार करने हेतु सचेत किया है।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए हैं कि दो हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल वाले तालाबों, जिनका अभी तक पट्टा नहीं हुआ है, उनकी सूची तैयार कर आवंटन की कार्रवाई अमल में लाई जाए। उन्होंने एसडीएम को निर्देश दिए कि कुछ ऐसे तालाब होंगे, जो अभिलेखों में तो दर्ज हैं, पर मौके पर उपलब्ध नहीं हैं, उनकी भी सूची तैयार कर उन्हें उपलब्ध कराई जाए, जिससे उन्हें अवैध कब्जे से मुक्त कराया जा सके। जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के सम्बन्ध में निर्देशित किया कि वह स्वयं जिला और महिला चिकित्सालय पहुंच कर मौके पर स्थिति का जायजा लेंगे। बैठक में डीआरडीए के परियोजना निदेशक रविन्द्र नाथ सिंह यादव, वरिष्ठ कोषाधिकारी प्रवीन कुमार त्रिपाठी, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी राजेश शर्मा, मनरेगा के उपायुक्त जय सिंह यादव सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।
दोपहर बाद जिलाधिकारी पवन कुमार पत्रकारों से मिले, इस दौरान उन्होंने बताया कि वह 2008 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और इससे पूर्व वह जनपद सहारनपुर, चंदौली, फरूखाबाद एवं संभल में जिलाधिकारी के पद पर रह चुके हैं। वह 2010 में बदायूं में भी कुछ माह के लिए एसडीएम के पद पर रहे हैं। फिलहाल इससे पूर्व वह विशेष सचिव सिंचाई के पद पर तैनात थे। उन्होंने कहा कि शासन की प्राथमिकताएं ही उनकी प्राथमिकता होंगी। शिक्षा और समाज कल्याण के कार्यों पर विशेष बल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनता में कानून व्यवस्था के प्रति विश्वास कायम करने हेतु इस प्रकार व्यवस्था बनाई जाएगी कि जनता कानून व्यवस्था कि प्रति संतुष्ट हो। पत्रकारोें द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर जिलाधिकारी ने आंवला रोड स्थित एक तालाब पर हो रहे अवैध कब्जे को रूकवाने हेतु एसडीएम सदर को हिदायत दी कि तुरन्त मौके पर जाकर स्थिति का आंकलन करें और उन्हें अवगत करायें। अन्य कई सवालों के जवाब में जिलाधिकारी ने कहा कि जो अवैध है, उसके विरूद्ध अवश्य कार्रवाई कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि सोत नदी को कब्जा मुक्त कराना उनकी प्राथमिकता रहेगी।
यहाँ यह भी बता दें कि जिलाधिकारी आवास और कार्यालय पर कमलेश शर्मा और संतोष शर्मा नाम के दो बाबुओं का एकाधिकार रहा है, यह दोनों बाबू जिलाधिकारी कार्यालय से संबद्ध हैं, दोनों बेहद शातिर बताये जाते हैं, जिससे अपनी कारगुजारियों से जिलाधिकारी को अहसास तक नहीं होने देते। तेजतर्रार आईएएस मयूर माहेश्वरी और तेजतर्रार आईएएस जीएस प्रियदर्शी भांप गये, तो उन्होंने संतोष को आवास से भगा दिया था, लेकिन उक्त दोनों बाबू एक-दूसरे की जान हैं, इसलिए दोनों एक-दूसरे की मदद करते हैं। जिलाधिकारी बदलते ही नये जिलाधिकारी को अहसास तक नहीं होने देते कि इससे पहले क्या स्थिति थी, इन दोनों की जिले भर के अफसरों और बाबूओं में दहशत है, जिससे इनके विरुद्ध कोई कुछ बोल ही नहीं सकता। पिछले दिनों में प्रमोटिड जिलाधिकारी शंभूनाथ व प्रमोटिड जिलाधिकारी सीपी त्रिपाठी रहे। शंभूनाथ भोले थे और सीपी त्रिपाठी इन दोनों के चंगुल में थे, जिससे इनका पिछले कुछ वर्षों में आतंक बढ़ गया है। तेजतर्रार पवन कुमार के आने से दोनों डरे-सहमे से नजर आ रहे हैं और उनकी चापलूसी में जुट गये हैं। सीपी त्रिपाठी के सामने कुर्सी तक से न उठने वाले कमलेश शर्मा और संतोष शर्मा आज कलेक्ट्रेट में पवन कुमार के साथ घूमते नजर आये, जिससे अफसरों और कर्मचारियों के बीच चर्चा का विषय बन गये। तेजतर्रार पवन कुमार को इन दोनों शातिर बाबुओं से भी पार पाना होगा, वरना यह दोनों बाबू उनकी छवि खराब कर देंगे।
उधर आज अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) अजय कुमार श्रीवास्तव ने भी अपना पदभार ग्रहण कर लिया। ज्ञातव्य हो कि जनपद में नगर मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात अजय कुमार श्रीवास्तव की पदोन्नति कर शासन ने उन्हें बदायूं में ही एडीएम (ई) के पद पर तैनात कर दिया है। जिलाधिकारी ने पदभार ग्रहण करने के तुरन्त बाद सीडीओ प्रताप सिंह भदौरिया, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) अशोक कुमार श्रीवास्तव, एडीएम (वित्त) राजेन्द्र प्रसाद यादव को कार्यमुक्त कर दिया है।
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