बदायूं जिले के कस्बा सहसवान में अधिवक्ता को पीटने की घटना में चेयरमैन नूरुद्दीन ने एक बार फिर खेल करा दिया है। पुलिस ने घायल अधिवक्ता का मुकदमा दर्ज नहीं किया, लेकिन नूरुद्दीन के बेटे की ओर से न सिर्फ मुकदमा दर्ज कर लिया, बल्कि उसे मेडिकल परीक्षण के लिए पर्चा भी दे दिया। जानकारी होने पर अधिवक्ताओं ने कोतवाली परिसर में पुलिस के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की, जिसके बाद पुलिस ने घायल अधिवक्ता का भी मुकदमा दर्ज किया।
उल्लेखनीय है कि कस्बा सहसवान के मोहल्ला नयागंज निवासी अधिवक्ता रविन्द्र प्रताप सिंह यादव पुत्र अधिवक्ता रुकुम सिंह यादव ने मंगलवार को कोतवाली सहसवान में तहरीर दी थी, जिसमें कहा गया था कि वह तहसील में कार्य समाप्त कर कचहरी परिसर की ओर जा रहा था, तभी करीब शाम 4: 10 बजे रास्ते में नूरुद्दीन के लड़के और भतीजे नई बाइक का एवरेज देखने के लिए पेट्रोल के रूपये मांगने लगे और न देने पर बेरहमी से पीटने लगे। चेहरा, सिर, सीना वगैरह पर लात-घूंसों की बरसात कर दी और दो हजार रूपये भी निकाल लिए। पीड़ित की चीख सुन कर साथी अधिवक्ता और परिचित दौड़ पड़े, तब हमलावरों ने पीड़ित को छोड़ा। पुलिस ने मेडिकल परीक्षण और उपचार हेतु घायल अधिवक्ता को अस्पताल भेज दिया था और मुकदमा दर्ज करने लेने की बात कही थी। परिजन घायल अधिवक्ता को उपचार कराने ले गये, जिससे मुकदमे की प्रति नहीं ले पाये।
बुधवार सुबह परिचित अधिवक्ता मुकदमे की प्रति लेने पहुंचे, तो ज्ञात हुआ कि अधिवक्ता की ओर से पुलिस ने मुकदमा दर्ज ही नहीं किया है, साथ ही पुलिस ने रात में नूरुद्दीन के बेटे फैजल की ओर से घायल अधिवक्ता के विरुद्ध ही मारपीट और लूट का मुकदमा दर्ज कर लिया है, यह जानकारी अधिवक्ताओं को हुई, तो उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और फिर कोतवाली परिसर में ही पुलिस के विरुद्ध अधिवक्ता नारेबाजी करने लगे, जिस पर पुलिस के हाथ-पैर फूल गये गये, जिसके बाद आनन-फानन में अधिवक्ता की ओर से भी मुकदमा दर्ज कर लिया।
सहसवान कोतवाली पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर न सिर्फ अधिवक्ताओं में, बल्कि आम जनता में भी रोष व्याप्त है। सूत्रों का कहना है कि मंगलवार शाम अधिवक्ता के विरुद्ध नूरुद्दीन ने तहरीर दी, तो एसएसआई प्रदीप सिंह ने फर्जी तहरीर लेने से मना कर दिया, इस पर नूरुद्दीन ने थाने का घेराव कराने की चेतावनी दी, तो एसएसआई ने भी तेवर बदल लिए, जिसके बाद नूरुद्दीन कोतवाली से खिसक गये। सूत्रों का कहना है कि एक कथित पत्रकार की मध्यस्ता से एक बाहरी भाजपा नेता ने ढाई लाख रूपये लेकर घायल अधिवक्ता पर मुकदमा दर्ज करा दिया। भाजपा नेता के दबाव में छुट्टी पर गये कोतवाल ने फोन कर के मुकदमा दर्ज कराया है। कोतवाल के अलावा बाकी पुलिस वाले भी मान रहे हैं कि गलत हो रहा है, लेकिन कोई कुछ नहीं कर पा रहा है। अधिवक्ताओं के साथ आम जनता को आशा है कि शीर्ष अफसर तालिबानी व्यवस्था पर जरुर अंकुश लगायेंगे।
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कोतवाली परिसर में पुलिस के विरुद्ध नारेबाजी करते अधिवक्ता