उत्तराखंड के उच्च न्यायालय ने धनबली और बहुबली नेता धर्मपाल यादव उर्फ डीपी यादव की जमानत याचिका निरस्त कर दी। महेंद्र सिंह भाटी हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे डीपी यादव ने ‘शॉर्ट टर्म बेल’ याचिका दायर की थी। डीपी यादव के साथी पाल सिंह उर्फ पाला, प्रनीत भाटी, करण यादव और नितीश सिंह भाटी सहित अन्य की याचिकाओं पर न्यायालय 11 मार्च को सुनवाई करेगा।
उल्लेखनीय है कि 13 सितंबर 1992 को गाजियाबाद में विधायक महेंद्र सिंह भाटी की हत्या की गई थी। हत्याकांड में डीपी यादव, पाल सिंह उर्फ पाला, करण यादव और प्रनीत भाटी को अभियुक्त बनाया गया था, जिसकी विवेचना सीबीआई द्वारा की गई थी। सीबीआई कोर्ट ने 28 फरवरी 2015 को डीपी यादव सहित चार अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सीबीआई कोर्ट के निर्णय को कैदियों ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, साथ ही महेंद्र सिंह भाटी के पुत्र नितिश भाटी ने सजा को कम बताते हुए उच्च न्यायालय में सभी अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाने की गुहार लगाई थी।
अब खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए डीपी यादव ने ‘शॉर्ट टर्म बेल’ के लिए याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया एवं न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद याचिका निरस्त कर दी। पाल सिंह उर्फ पाला, प्रनीत भाटी और करण यादव सहित अन्य की याचिकायें विचाराधीन हैं, जिन पर न्यायालय 11 मार्च को सुनवाई करेगा।
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