बदायूं में एक बार फिर बच्चियां दरिंदगी की शिकार हुई हैं। शौच के लिए गईं बच्चियों को दरिंदों ने दबोच लिया और फिर हैवानियत की हद पार करते हुए उनका यौन शोषण किया। गंगा की तलहटी में हुई इस सनसनीखेज वारदात को लेकर लोग न सिर्फ स्तब्ध हैं, बल्कि घटना की कड़ी निंदा भी कर रहे हैं, वहीं इलाके में दहशत का भी माहौल है।
दुस्साहसिक वारदात बदायूं जिले में स्थित जरीफनगर थाना क्षेत्र की है। बताते हैं कि गाँव भोयस निवासी एक मल्लाह परिवार की चचेरी-तहेरी बहनें जंगल में बुधवार शाम को शौच के लिए गई थीं, तभी पड़ोसी गाँव मदारपुर के कुछ सशस्त्र दरिंदों ने उन्हें दबोच लिया और बारी-बारी से उनका यौन शोषण किया। 13-14 वर्ष की किशोरियां लहूलुहान हो गईं और चीखती रहीं, पर दरिंदों को उन पर दया नहीं आई, लेकिन उनकी चीखों से जंगल कराह उठा और किसी तरह आवाज गाँव तक पहुंच गई, तो ग्रामीण दौड़ पड़े और ग्रामीणों ने ही सभी दरिंदे पकड़ लिए। उनके पास रायफलें भी थीं, जिससे उन्होंने डराने का पूरा प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण हिम्मत नहीं हारे। दरिंदों की बुरी तरह मार लगाने के बाद ग्रामीणों ने उन्हें पुलिस को सौंप दिया। आरोपियों में तीन मल्लाह और दो यादव जाति के बताये जाते हैं। यादव सगे भाई हैं और उनसे ही रायफलें बरामद की गई हैं। अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है, लेकिन पुलिस व प्रशासन के कई बड़े अफसर घटना स्थल पर पहुंच गये हैं।
घटना को लेकर क्षेत्र में दहशत का माहौल है। घटना जातीय हिंसा का भी रूप ले सकती है। पकड़े गये दरिंदों को कुछ सत्ता पक्ष के नेता बचाने का भी दबाव बना रहे हैं। उधर चर्चा यह भी है कि सब-इंस्पेक्टर गंगा सिंह की जिस थाना क्षेत्र में तैनाती रहती है, उस क्षेत्र में बच्चियां असुरक्षित क्यूं हो जाती हैं? बता दें कि विश्व भर में चर्चित कटरा सआदतगंज में चचेरी-तहेरी बहनों को मार कर पेड़ पर लटकाने वाली घटना के समय उस क्षेत्र के एसओ गंगा सिंह ही थे, उस घटना में डीएम, एसएसपी और गृह सचिव तक के विरुद्ध कार्रवाई हुई, लेकिन गंगा सिंह साफ बच गये थे, जिसकी व्यापक चर्चा रही। अब एक बार गंगा सिंह के राज में बच्चियों पर कहर बरपाया गया है, इसलिए यह विशेष ध्यान देने वाली बात है कि अब गंगा सिंह के विरुद्ध कार्रवाई होगी या नहीं?