बदायूं जनपद में नोडल अधिकारी धीरज साहू के रहते हुए गाँव सुंदरनगर की घटना को लेकर विभागीय अफसरों की गति बेहद धीमी चल रही है। विद्यालय में विवादित अध्यापक शुक्रवार को भी पहुंचे, लेकिन बच्चे आज भी नहीं आये। एबीएसए ने आज प्रकरण की जाँच बीएसए को सौंप दी है, जिसमें विवादित अध्यापक दोषी पाये गये हैं।
उल्लेखनीय है कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर थाना इस्लामनगर क्षेत्र के गाँव सुंदरनगर में स्थित सरकारी प्राथमिक विद्यालय में राष्ट्रीय गीत और राष्ट्र गान का प्रधानाध्यापक मुश्ताक अहमद और सहायक अध्यापक उम्रदराज द्वारा कट्टरपंथी मानसकिता के चलते बहिष्कार किया गया था। प्रधान और ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापक मुश्ताक अहमद और सहायक अध्यापक उम्रदराज की कट्टरपंथी मानसकिता को मुद्दा बना लिया है। बुधवार को ग्रामीणों ने विवादित अध्यापकों का टेस्ट भी लिया था। ग्रामीणों ने विवादित अध्यापकों से राष्ट्रीय गीत, राष्ट्र गान और सरस्वती वंदना सुनाने को कहा था, तो वे नहीं सुना सके थे, जिसके बाद ग्रामीणों ने निर्णय ले लिया कि विवादित अध्यापकों से वे अपने बच्चे नहीं पढ़वायेंगे, इसीलिए बच्चे विद्यालय नहीं भेजे जा रहे हैं।
उक्त प्रकरण गंभीर है, लेकिन विभागीय अफसरों की गति बेहद धीमी है। गौतम संदेश की खबर पर बीएसए ने एबीएसए को जाँच कर रिपोर्ट देने को कहा था, जो एबीएसए जगदीश कुमार द्वारा शुक्रवार को बीएसए को सौंपी गई है। अब बीएसए जांच रिपोर्ट लटकाये हुए हैं, जबकि जांच में वंदे मातरम का विरोध करने का आरोप सिद्ध हो चुका है।
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