बदायूं जिले में गाय के कथित भक्तों की फौज है, जो हर दिन विज्ञप्ति जारी कर स्वयं की ब्रांडिंग करते रहते हैं। गाय के साथ सभी जीवों की रक्षा के लिए प्रशासन भी स्वयं को बड़ा सक्रिय दर्शाता है। शासन ने गर्मी की शुरूआत में ही समस्त सूखे तालाबों को भरने के निर्देश जारी कर दिए हैं, इस सबके बावजूद पानी की किल्लत के चलते प्यासी गायें तड़प-तड़प कर दम तोड़ रही हैं। हालात ऐसे ही रहे, तो शेष बची गायें भी शीघ्र ही दम तोड़ देंगी।
हृदय विदारक हालात बदायूं जिले में कटरी क्षेत्र के हैं। हजरतपुर थाना क्षेत्र में हड़ौरा वन है, जिसमें बबूल के पेड़ों की संख्या सर्वाधिक है, इस वन में सैकड़ों गायों के झुंड विचरण करते रहते हैं। वन में पीने के पानी और चारे की प्रकृति ने समुचित व्यवस्था कर रखी थी, जिससे गायों के झुंड मस्त रहते रहे हैं, लेकिन इस बार गर्मी शुरू होते ही वन के बीच में बने प्राकृतिक सरोबर पूरी तरह सूख चुके हैं, चारे की भी कमी हो गई है, जिससे भूख और प्यास के चलते गायें तड़प-तड़प कर निरंतर दम तोड़ती नजर आ रही हैं।
बताते हैं कि वन के बीच में स्थित प्राकृतिक सरोबरों में पानी की जगह सिर्फ कीचड़ बचा है, जिसमें प्यास से तड़पती हुई गाय धंसती हैं, तो फिर उससे निकल नहीं पातीं। चारे के अभाव में गायें बेहद कमजोर भी हो गई हैं, जिससे दूर जाने की स्थिति में भी नहीं हैं। भूख और प्यास से तड़पती गायों को देख कर आसपास के लोग दुखी तो हैं, लेकिन वे मदद कर पाने में सक्षम नहीं हैं। शासन-प्रशासन ने शीघ्र ही व्यवस्था नहीं की, तो कुछ ही दिनों में शेष बची गायें भी भूख और प्यास के चलते तड़पते हुए दम तोड़ देंगी।