बदायूं में आने के बाद कई विदेशी गुम हो चुके हैं, या यूं कहें छुपने में सफल रहे हैं, जिन्हें खुफिया विभाग और पुलिस आज तक नहीं खोज पाई। चौंकाने वाली बात यह है कि खुफिया विभाग और पुलिस अभी भी सतर्क नहीं हैं, जबकि देश में रोहिंग्या आतंकियों का बड़ा गिरोह घुस आया है। कई विदेशी राशन कार्ड, आधार कार्ड और मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाने में सफल हो चुके हैं और आराम से शहर में रह रहे हैं। देश की सुरक्षा से जुड़े इस गंभीर मुद्दे पर उच्च स्तरीय जांच एजेंसियों को तत्काल कार्रवाई करनी होगी, वरना संदिग्ध लोग कभी भी भूमिगत हो सकते हैं।
सूत्रों का कहना है कि सदर कोतवाली क्षेत्र में मोहल्ला कबूलपुरा, छोटे सरकार रोड और बड़े सरकार की ज्यारत के आस-पास कई संदिग्ध लोग रहते देखे जा रहे हैं, इनमें कुछेक लोग बंगाल के भी बताये जा रहे हैं। शहर में अलग-अलग स्थानों पर कई बिहारी और बंगाली भी भी रह रहे हैं, इनमें से तमाम लोगों ने राशन कार्ड, आधार कार्ड और मूल निवास प्रमाण पत्र तक बनवा रखे हैं, जिसके आधार पर यह देश भर में कहीं भी न सिर्फ घूम सकते हैं, बल्कि किराये पर रह भी सकते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा बड़ा मुद्दा होने के बावजूद स्थानीय खुफिया विभाग और पुलिस को इस सबकी की भनक तक नहीं लगी है, जबकि गत वर्षों में दो पाकिस्तानी नागरिक बदायूं आकर गुम हो चुके हैं। बदायूं के कई गाँव हवाला कारोबार से भी जुड़े हैं, साथ ही अंतर्राज्जीय स्तर के कई बड़े अपराधी भी हैं, जिनके सहारे देश द्रोही ताकतें किसी भी तरह की घटना को अंजाम दिला सकती हैं।
गौतम संदेश के संज्ञान में आया है कि बदायूं शहर में बंगाल के अलावा नेपाल के भी कई नागरिक रह रहे हैं, इन्होंने भी प्रशासनिक भ्रष्टाचार के सहारे कई तरह की आईडी बनवाने में सफलता प्राप्त कर ली है। गौतम संदेश को नेपाली नागरिक यम बहादुर थापा का मूल निवास प्रमाण पत्र मिला है, जिसे उप-जिलाधिकारी जंग बहादुर यादव द्वारा जारी किया गया है, इसने आधार कार्ड भी बनवा रखा है, साथ ही इसकी बेटी गरिमा थापा के नाम पर भी आधार कार्ड जारी हो चुका है, जिसमें डीएम रोड मोहल्ला नेकपुर का पता दर्शाया गया है, यह प्रकरण हाल-फिलहाल इसलिए बेहद गंभीर माना जा रहा है कि देश की सीमा में म्यांमार से भागे रोहिंग्या आतंकियों का बड़ा गिरोह घुस आया है, जो नेपाली और बंगाली नागरिकों की तरह ही आसानी से आधार कार्ड बनवा सकता है और फिर कहीं भी रहते हुए गंभीर वारदातों को अंजाम दे सकता है। विदेशी नागरिकों का रहना और आईडी बनवा लेना स्थानीय खुफिया विभाग और पुलिस की असफलता का ही दुष्परिणाम है, इसलिए उच्च स्तरीय जांच एंजेसियों को तत्काल कार्रवाई करनी होगी, वरना संदिग्ध विदेशी कभी भी भूमिगत हो सकते हैं।
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