उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी भ्रष्टाचार और अपराध को लेकर कड़ा रुख अपनाये हुए हैं, लेकिन पुलिस-प्रशासन माफियाओं के प्रति नरमी बरत रहा है। ढाई हजार बोरा सरकारी खाद्यान्न बरामद होने के बावजूद माफिया को तीन दिन बाद भी गिरफ्तार नहीं किया गया है और न ही अभी तक रैकेट से जुड़े अन्य लोगों का खुलासा किया गया है, जिससे आम जनता की नजर में सरकार की छवि खराब हो रही है।
उल्लेखनीय है कि 3 जुलाई को किसी ने संभल जिले के जिलाधिकारी आनंद कुमार सिंह को सूचना दी कि संभल जिले में स्थित कोतवाली गुन्नौर क्षेत्र के कस्बा जुनावई में जय लक्ष्मी ट्रेडर्स नाम की आढ़त पर सरकारी खाद्यान्न कालाबाजारी के द्वारा लाया गया है, इस सूचना को डीएम ने गंभीरता से लिया, उनके निर्देश पर एसडीएम, सीओ और पूर्ति निरीक्षक ने जुनावई स्थित जय लक्ष्मी ट्रेडर्स नाम की आढ़त पर छापा मारा, तो मुख्य द्वार बंद था, वहां मौजूद माफिया के कारिदों ने द्वार नहीं खोला, जिसके बाद टीम पीछे से आढ़त के अंदर पहुंची, अफसरों ने अंदर का नजरा देखा, तो वे सब स्तब्ध रह गये। आढ़त के अंदर गोदाम में सरकारी राशन की दुकान वाला ढाई हजार बोरा अनाज रखा था।
अफसरों ने छापे के बाद कोतवाली गुन्नौर में आवश्यक वस्तु अधिनियम धारा- 3/7 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करा दिया, लेकिन तीन दिन बाद भी पुलिस ने नामजद आरोपी अखिलेश उर्फ राजू को गिरफ्तार नहीं किया है। सूत्रों का कहना है कि आरोपी माफिया सत्ता पक्ष के प्रभावशाली नेता के साथ खुलेआम घूम रहा है। सूत्रों का यह भी कहना है कि कालाबाजारी के द्वारा आढ़त पर लाये गये खाद्यान्न में प्रभावशाली नेता का बड़ा हिस्सा है। मुकदमा में नामजद किया गया अखिलेश सिर्फ कमीशनखोर है, पर पुलिस-प्रशासन ने अभी तक जांच का दायरा भी नहीं बढ़ाया है, जिससे रैकेट का खुलासा नहीं हो पा रहा है। तीन दिन बाद भी कोई बड़ी कार्रवाई नहीं होने से आम जनता के बीच चर्चा होने लगी है कि प्रभावशाली भाजपा नेता पूरे प्रकरण को समाप्त करा देगा, ऐसी आम चर्चा होने से सरकार की छवि खराब हो रही है, ऐसे बड़े प्रकरण मुख्यमंत्री को स्वयं देखने होंगे और तत्काल कड़ी कार्रवाई करानी होगी, तभी लोकसभा चुनाव में भाजपा टिक पायेगी।
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