बदायूं जिले के एक विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके उमेश राठौर को पुलिस ने यौन शोषण के प्रकरण में भले ही दोष मुक्त कर दिया हो, लेकिन पीड़ित अभी भी लड़ाई लड़ रही है। पीड़ित महिला अपने बयान पर कायम है, साथ ही पीड़ित महिला ने पुलिस की विवेचना को न्यायालय में चुनौती दी है।
उल्लेखनीय है कि बदायूं में मालगोदाम रोड पर रहने वाली एक विवाहित महिला ने आरोप लगाया था कि उसके पति व सदर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला रघुवीर नगर निवासी उमेश राठौर पुत्र दुर्गपाल सिंह ने साझेदारी में हजरतपुर थाना क्षेत्र के गाँव सैंजनी में भट्टा बनाया था। व्यापारिक रिश्ते के चलते उमेश राठौर उसके घर आने लगा। पीड़ित महिला का आरोप है कि 14 फरवरी 2009 को उसके पति भट्टे पर और बच्चे स्कूल गये थे, तभी एक अज्ञात व्यक्ति के साथ उमेश राठौर उसके घर आ गया। वह बैठाने के बाद पानी लाने को मुड़ी, तभी पीछे से उसके मुंह व नाक को रुमाल से दबा दिया गया, जिससे वह कुछ ही देर में अचेत हो गई, उसे होश आया, तो वह बिस्तर पर नंगी पड़ी थी और सामने बैठा उमेश राठौर मुस्करा रहा था। पीड़ित ने उमेश राठौर से कहा कि उसके साथ दुष्कर्म कर अच्छा नहीं किया, तो उसने मोबाइल में वीडियो क्लिप व फोटो दिखाते हुए धमकाया कि जैसा मैं कहूंगा, वैसा ही करना पड़ेगा, वरना वीडियो क्लिप व फोटो इंटरनेट पर डाल कर कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं छोडूंगा, साथ ही बच्चों को जान से मारने की धमकी भी दी, इस प्रकरण में सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ, जिसकी विवेचना बाद में क्राइम ब्रांच के लिए स्थानांतरित कर दी गई थी।
क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर यशवीर सिंह ने जाँच में घटना व आरोप झूठे पाये, तो विवेचक ने आरोपी को दोष मुक्त करते हुए न्यायालय में फाइनल रिपोर्ट प्रेषित कर दी। पीड़ित महिला ने मुकदमा दर्ज कराने के बाद न्यायालय में धारा- 164 के अंतर्गत बयान दर्ज करा दिए थे, वह अपने बयान पर अब भी कायम है। पीड़ित महिला ने पुलिस की फाइनल रिपोर्ट को न्यायालय में चुनौती दी है।
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भाजपा नेता पर लगा यौन शोषण का आरोप निकला झूठा