बदायूं जिले के क्षत्रियों की भी भुजायें विवादित फिल्म पद्मावती को लेकर तनने लगी हैं। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के तत्वाधान में विवादित फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर उपवास रखा गया एवं विवादित फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की गई।
मालवीय आवास गृह पर जमा हुए क्षत्रिय समाज के साथ अन्य तमाम संगठनों के लोगों ने महाराणा प्रताप चौक पर स्थित महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया एवं विवादित फिल्म पद्मावती के विरोध में उपवास रखा। कार्यक्रम में विशिष्ट रूप से उपस्थित क्षत्रिय महासभा उत्तर प्रदेश के सचिव डॉ. सुशील कुमार सिंह ने कहा कि फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली ने एक वीरांगना का चरित्र हनन कर सिर्फ क्षत्रिय समाज के मान-सम्मान को ही ठेस नहीं पहुंचाई है, बल्कि समस्त हिन्दू समाज के मान-सम्मान को कलंकित करने का कार्य किया है। देश का हर स्वाभिमानी व्यक्ति भंसाली के कुकृत्य के विरुद्ध खड़ा हुआ है। अभी हमारा आंदोलन शान्ति पूर्ण है, किन्तु यदि फिल्म को प्रतिबंधित नहीं किया गया, तो आन्दोलन हिंसक भी हो सकता है, इसलिए समय रहते केन्द्र सरकार को प्रभावी कदम उठाने चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए क्षत्रिय महासभा के जिलाध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर ऐतिहासिक घटनाओं के साथ छेड़छाड़ की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती है। ऐतिहासिक पात्रों के चरित्र हनन का किसी को अधिकार नहीं है। सरकार को एक नीति निर्धारित करनी चाहिए कि ऐतिहासिक घटनाओं से छेड़छाड़ करने तथा ऐतिहासिक पात्रों के चरित्र हनन का किसी को अधिकार नहीं होगा।
कार्यक्रम में मंडलीय संगठन मंत्री राजपाल सिंह चौहान, ओमप्रकाश सिंह चौहान, विपिन कुमार सिंह, राम प्रताप सिंह, विजय पाल सिंह, वेद पाल सिंह, डॉ. आरजी गोस्वामी, वीरेंद्र कुमार जाटव, अमन मयंक शर्मा, देवी सिंह देवड़ा, अमित तोमर, मुलार सिंह, मनोज तोमर, मुनीश कुमार सिंह, गोपाली सिंह, गोविंद राना, शेर बहादुर सिंह, डॉ. सत्यभान सिंह, अंकित ठाकुर, यशवीर सिंह चौहान, लखन गौर, मोहित राघव, राजकमल साहू, आईपी सिंह, धर्मेंद्र सिंह चौहान, विष्णु सोलंकी और संजीव चौहान सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
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