नगर निकायों का कार्यकाल पूर्ण होने वाला है, लेकिन चुनाव आगे बढ़ गये हैं, जिससे भ्रष्ट अफसर प्रशासक बैठने तक चौदहवें वित्त आयोग से संबंधित कार्य योजना को लटका के रखना चाहते हैं, ताकि अध्यक्षों के हटते ही वे स्वयं सरकारी धन का बंदरबाँट कर सकें, इसी सोच के चलते फर्जी ईओ बनाये जा रहे हैं। फर्जी ईओ के सहारे फर्जी बिल-बाउचर के द्वारा धन हजम करना आसान होता है।
उत्तर प्रदेश के अधिकाँश जनपदों में नगर पंचायतों ने चौदहवें वित्त आयोग के अंतर्गत कार्य योजना तैयार कर प्रस्तावित कर दी है, पर कई-कई सप्ताह बीत जाने के बावजूद कार्य योजना को अनुमोदित नहीं किया जा रहा है, इसके पीछे अध्यक्षों का यही कहना है कि अफसर चाहते हैं कि प्रशासक बैठने के बाद वे मनमानी कर लेंगे, लेकिन चुनाव में जाने को तैयार अध्यक्ष परेशान हैं। चुनाव से पूर्व विकास कार्य करा कर अध्यक्ष श्रेय लेना चाहते हैं, पर अफसर अड़ंगा डाले हुए हैं। बरेली जिले में भी कार्य योजना को अफसरों ने लटका दिया, तो आज कई अध्यक्ष नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना से मिले, इस पर उन्होंने बरेली के जिलाधिकारी को फोन कर कहा कि तकनीकी समस्या नहीं हो, तो कार्य योजना को तत्काल पास कर दिया जाये।
नगर विकास मंत्री सुरेशा खन्ना द्वारा तत्काल एक्शन लेने की खबर प्रदेश भर में फैल गई, तो कार्य योजना पास न होने से त्रस्त अन्य जिलों के अध्यक्ष भी सुरेशा खन्ना से मिलने को आतुर हो उठे हैं। बदायूं जिले में भी कार्य योजना लटकी हुई है, जिससे नगर पंचायतों में विकास कार्य ठप पड़ा है। अध्यक्षों का कहना है कि सोमवार शाम तक कार्य योजना पास नहीं हुई, तो वे भी नगर विकास मंत्री सुरेशा खन्ना से जाकर मिलेंगे। यहाँ बता दें कि बदायूं में सरकारी धन को हजम करने के उद्देश्य से प्रशासक नियुक्त होने से पहले ही बदायूं नगर पालिका परिषद में कर निर्धारण अधिकारी के पद पर तैनात ललितेश सक्सेना को अधिक से अधिक नगर पंचायतों में ईओ का कार्यभार देने का इरादा है, अभी रुदायन और सखानूं नगर पंचायत में ईओ का कार्यभार दे दिया गया है, इसी तरह ट्यूबवैल ऑपरेटर मुकेश जौहरी को नियम विरुद्ध बिसौली, फैजगंज बेहटा और बिल्सी में ईओ का दायित्व मिला हुआ है, क्योंकि इनके सहारे मनमानी करना आसान होगा।
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