उत्तर प्रदेश में फर्जी शासनादेश जारी कर दिया गया। खुलासा तब हुआ, जब एक-दो जिलों में उस पर कार्रवाई शुरू हो गई। अब एक और शासनादेश जारी कर फर्जी शासनादेश का खुलासा किया जा रहा है, लेकिन जारी करने वालों की खोजबीन नहीं की जा रही।
पंचायती राज विभाग के प्रमुख सचिव चंचल कुमार तिवारी ने बताया कि विशेष सचिव , पंचायती राज विभाग, उत्तर प्रदेश शासन की ओर से तथा-कथित निर्गत पत्र संख्या-243/2014/61/स्ट्रीट लाइट/आपूर्ति/2015-16, दिनाॅक 24 जून, 2014 के द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 में समस्त ग्राम पंचायतों में नई रोशनी योजना की प्रगति के अन्तर्गत 85 वाॅट की सी. एफ. एल. लाईट लगाये जाने की योजना से सम्बन्धित है, जिसके लिए प्रत्येक जिले हेतु रुपये 5 करोड़ धनावंटन का उल्लेख है।
श्री तिवारी ने बताया कि जन सामान्य की जानकारी हेतु पंचायती राज विभाग उ. प्र. शासन की ओर से उक्त पत्र के सम्बन्ध में यह स्पष्ट किया जाता है कि प्रश्नगत पत्र शासन द्वारा निर्गत नहीं किया गया है और न ही पंचायती राज विभाग की ऐसी कोई योजना है। यह पत्र पूर्णतया फर्जी है, तथा लोगों को गुमराह करने के उद्देश्य से निर्गत किया गया है, जिससे लोगों से अवैध रूप से धनराशि की वसूली की जा सके। साथ ही निर्गत पत्र शासन से निर्गत होने वाले शासनादेश के प्रारूप में भी नहीं है। श्री तिवारी ने फर्जी शासनादेश जारी करने की जाँच कराने के संबंध में कुछ नहीं बताया गया।
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