बदायूं में भाजपा द्वारा शनिवार को परिवर्तन रैली आयोजित की गई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने के कारण जिला प्रशासन भाजपाईयों के दबाव में इस हद तक आ गया कि नियमों की धज्जियां भी उड़ा दी गईं। जनता का तो पता नहीं, लेकिन पुलिस और प्रशासन जरुर मोदीमय हो गया, इसकी भनक चुनाव आयोग को लग गई, तो जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई भी हो सकती है।
जी हाँ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को लेकर पिछले कई दिनों से तैयारियां चल रही थीं। ब्लू बुक और एसपीजी के दिशा-निर्देश के अनुसार जिला प्रशासन कार्य कर रहा था। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कड़े दिशा-निर्देश जारी किये गये थे। वीआईपी और मीडिया गैलरी में बिना पास के जाने की अनुमति नहीं थी। एसपीजी ने साफ कह दिया था कि वह बिना पास के किसी को प्रवेश नहीं करने देगी, जिससे पत्रकारों को पास जारी किये गये। पास जारी होने पर एसपीजी ने कहा कि पास पर कैमरा और लैपटॉप ले जाने के बारे में लिखा होगा, तभी ले जाने दिया जायेगा, वरना कैमरा और लैपटॉप लेकर आने वाले पत्रकारों को प्रवेश नहीं करने दिया जायेगा। एसपीजी के निर्देश के अनुसार पुनः फोटो और टीवी पत्रकारों के पास पर कैमरा और लैपटॉप का उल्लेख किया गया।
एसपीजी के कड़े रुख के चलते नियमों का हवाला देते हुए तमाम पत्रकारों पास भी जारी नहीं किये, लेकिन शनिवार को चौंकाने वाला दृश्य सामने था। भाजपा के कार्यकर्ता और शहर के कई लफंगे पत्रकारों के पास पर मीडिया गैलरी कब्जाये हुए थे। पता करने पर कोई कुछ भी बताने को तैयार नहीं था। सूत्रों से ज्ञात हुआ कि वीआईपी गैलरी की सीमा थी एवं एसपीजी कड़ी नजर रखे हुए थी, जिससे भाजपाईयों ने भाजपा कार्यकर्ताओं और कई लफंगों को पत्रकारों के पास जारी करा दिए।
सूत्रों ने बताया कि भाजपा जिलाध्यक्ष हरीश शाक्य ने जिला प्रशासन को 85 लोगों की सूची बना कर दे दी, जिस पर बिना किसी जाँच के सभी को प्रशासन ने पत्रकारों के पास जारी कर दिए, जबकि असली पत्रकार को बिना नियुक्ति पत्र के जिला प्रशासन पास नहीं देता। नियुक्ति पत्र एक-दो दिन पुराना हो, तो भी असली पत्रकार से मना कर दिया जाता है, लेकिन भाजपा जिलाध्यक्ष हरीश शाक्य के पेड पर 85 लोगों को जिला प्रशासन ने पत्रकार बना दिया, जिनमें कई लफंगे भी थे। धोखाधड़ी का यह प्रकरण चुनाव आयोग के संज्ञान में पहुंचा, तो जिम्मेदार अफसर कार्रवाई से बच नहीं पायेंगे।
इसके अलावा रैली स्थल पर तैनात पुलिस के जवान भी मोदीमय में नजर आये। कोई मोदी-मोदी के नारे लगा रहा था, तो कोई उनके भाषण पर वाह-वाह करता नजर आ रहा था, साथ ही ताली भी बजा रहे थे। एक महिला पुलिस कर्मी तो इतनी रोमांचित हो उठी कि यूनिफॉर्म की लाज भी भूल गई और खुलेआम मोदी का चेहरा अपने चेहरे पर लगा कर बैठी रही। पुलिस के जवानों का यह व्यवहार चर्चा का विषय बना हुआ है।
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