बदायूं जिले में समाजवादी पार्टी के नेता विरोधियों को ठिकाने लगाने के लिए पुलिस को खुल कर हथियार बनाने लगे हैं। विधान परिषद सदस्य के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी का चुनाव लड़ाने वाले राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह के विरुद्ध जघन्य धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करा दिया गया है, उन पर लूट का भी आरोप लगवाया गया है। पीड़ित जिलाध्यक्ष ने एसएसपी सहित शीर्ष अफसरों को पत्र भेज कर निष्पक्ष अफसर से जांच कराने की मांग की है।
बदायूं जिले में स्थित उझानी कोतवाली क्षेत्र के ग्राम गठौना निवासी धर्मेन्द्र सिंह राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष हैं। उनका आरोप है कि गांव का निवासी कृपाशंकर एवं अनिल पुत्रगण यादराम के साथ इनका पूरा परिवार कच्ची शराब बनाने एवं आस-पास के सैकडों गांव में बेचने का धंधा करता है। कच्ची शराब के धंधे से गांव का माहौल खराब हो रहा है, बच्चों व युवाओं पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है, शराबियों व असामाजिक तत्वों के जुटे रहने से आपराधिक वारदातें भी लगातार होती रहती हैं, साथ ही युवतियां विशेषकर दहशत में रहती हैं, जिसके चलते गांव सभा की खुली बैठक में इस परिवार के विरुद्ध कार्यवाही करने हेतु प्रस्ताव रखा गया, जिसे ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से अनुमोदित किया। गांव सभा द्वारा किये गये प्रस्ताव की प्रति उच्चाधिकारियों को उपलब्ध करा दी गयी थी, लेकिन राजनैतिक संरक्षण होने के कारण पुलिस ने कृपा शंकर, अनिल व इसके परिजनों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की, जिससे यह पूरा परिवार उससे रंजिश मानने लगा।
धर्मेन्द्र सिंह का कहना है कि 4 जून को सुखपाल पुत्र प्रानसुख निवासी ग्राम गठौना को कृपाशंकर, अनिल व इनकी पत्नियों ने मिलकर लाठी-डन्डों से पीटा था, जिसकी तहरीर पीड़ित सुखपाल ने कोतवाली उझानी में उसी दिन दे दी थी, जिसकी पुलिस जांच कर रही है। पीड़ित सुखपाल प्रार्थी का बटाईदार है और उक्त आरोपियों का ही परिजन है, उस मुकदमे से बचने के लिए उक्त लोगों ने उसके विरुद्ध फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया है।
धर्मेन्द्र सिंह का यह भी कहना है कि जिले के वरिष्ठ अफसरों व शासन के निर्देश पर चलने वाले अभियानों के तहत कृपाशंकर और अनिल के घर में पुलिस छापा मारती रही है, जिसमे कच्ची शराब बनाने की सामग्री व उपकरण बडी संख्या में बरामद होते रहे हैं, ये लोग कई बार जेल भी जा चुके हैं एवं कई बार राजनैतिक दबाव के चलते पुलिस इन्हें छोड़ती भी रही है। धर्मेन्द्र का कहना है कि करीब दो महीने पहले पुलिस ने इसके घर पर छापा मारकर अनिल को मौके से गिरफ्तार किया था, साथ ही बडी संख्या में सामग्री व उपकरण बरामद किये थे। उझानी पुलिस ने पकड़ी गयी सामग्री और अनिल के साथ फोटो खिंचाकर गुडवर्क दिखाने पर वाह-वाही भी लूटी थी, लेकिन अनिल को जेल भेजे बिना ही छोड़ दिया था, जिससे इस परिवार के हौसले और बुलन्द हो गये।
धर्मेन्द्र सिंह का कहना है कि कृपाशंकर की पत्नी उझानी कोतवाली के दरोगा मनोज त्यागी पर यौन शोषण का आरोप लगा चुकी है, इनके अवैध धंधे को जो भी बन्द कराना चाहता है, यह पूरा परिवार उससे रंजिश मानने लगता है और मनगढंत फर्जी आरोप लगाकर फंसाने का प्रयास करता है। धर्मेन्द्र का आरोप है कि उसने पिछले विधान परिसद चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी जितेन्द्र यादव का खुलकर चुनाव लड़ाया था, जिससे सत्ता पक्ष के कुछ नेता प्रार्थी से रंजिश मानने लगे हैं, जिन्होंने उसके गांव के कृपाशंकर को आधार बनाकर उसके विरुद्ध उझानी कोतवाली में धारा 452, 380 और 323 आई.पी.सी. के अन्तर्गत 5 जून को फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया है। पीड़ित ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, डीआईजी और आईजी जोन को पत्र भेज कर निष्पक्ष अधिकारी से जांच कराने की मांग की है।