बदायूं जिले के सहसवान विधान सभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के विधायक व सपा सरकार में राज्यमंत्री रहे ओमकार सिंह यादव के भाई प्रताप सिंह पर अपहरण का आरोप लगाया गया है। साक्ष्य होने के बावजूद मुकदमे दर्ज करने में मनमानी करने वाली पुलिस ने विधायक के भाई पर तत्काल मुकदमा भी दर्ज कर लिया, जबकि पुलिस की दी गई तहरीर से ही प्रतीत हो रहा है कि विधायक के भाई को फंसाने की नीयत से आरोप लगाया गया है।
घटना जरीफनगर थाना क्षेत्र की है। कस्बा दहगवां निवासी जफर अली पुत्र नौसे अली का कहना है कि शुक्रवार की रात्रि में लगभग नौ बजे उसका 13 वर्षीय पुत्र साहिल सैफी अपने घर के बाहर अन्य साथियों के साथ खडा था, तभी सफेद रंग की स्कार्पियो गाड़ी आकर रूकी। गाड़ी से तीन युवक उतरे और उसके पुत्र साहिल सैफी को खींचकर कार में बैठाने की कोशिश करने लगे। साहिल के शोर मचाने पर मुस्तकीन पुत्र हसमुद्दीन व साजिद पुत्र अकील तथा अन्य तमाम लोग घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े, जिन्होंने साहिल को बड़ी मुश्किल से छुड़ाया, जिसके बाद अपरहरण का प्रयास करने वाले भाग गये।
गाड़ी की अगली सीट पर सहसवान क्षेत्र के विधायक ओमकार सिंह यादव के भाई प्रताप सिंह पुत्र नेम सिंह निवासी सिंगोला पुख्ता थाना गुन्नौर जिला संभल बैठे थे, जो धमकी देते हुए गाली दे रहे थे। गाड़ी में कई लोग थे। रायफल व बन्दूक खींचते समय मुस्तकीन की अंगुली खिड़की में फंस गई, जिससे उसे चोट आई है। प्रताप सिंह को पहचान लिया था और बाकी लोगों को सामने आने पर पहचान लिया जायेगा। एसओ जरीफनगर अनिल कुमार का कहना है कि प्रकरण की जांच की जा रही है। साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई की जायेगी। यह भी बता दें कि जफर अली भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा जिलाध्यक्ष है।
उधर विधायक ओमकार सिंह के पुत्र डीसीबी के चेयरमैन ब्रजेश यादव का कहना है कि उनके चाचा प्रताप सिंह गाँव जल्लूपुर से एक लग्न समारोह में शामिल होकर लौट रहे थे। दहगवां से गुजरते समय पहले से रंजिश मानने वाले जफर के पुत्र ने गाड़ी के शीशे पर कोई वस्तु मारी थी, जिसके लगने पर उनके चाचा ने शीशा खोल कर देखा, तो साहिल गालियाँ भी देने लगा। चूँकि चाचा सीधे और भले व्यक्ति हैं, सो बच्चे के मुंह लगने की बजाये वे चले गये, इतने पर भी राजनैतिक दबाव बना कर उनके विरुद्ध फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया गया। उन्होंने कहा कि विरोधी पुलिस को हथियार न बनायें, वरना जो जैसा बोता है, वह वैसा ही काटता है। बोले- हम समाजवादी लोग तो फर्जी मुकदमों को झेलने की शक्ति रखते हैं, लेकिन ओछी हरकतें करने वाले समय परिवर्तन होने के बाद झेल नहीं पायेंगे। राजनैतिक द्वेष ओछी हरकतों में नहीं बदलना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस निष्पक्ष रूप से जांच करेगी, तो स्पष्ट हो जायेगा कि फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया है।
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