भाजपा नेता और पूर्व राज्यमंत्री भगवान सिंह शाक्य ने शुक्रवार को न्यायालय में समर्पण कर दिया। उन्होंने न्यायालय में जमानत देने की प्रार्थना की, तो उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। पिछली तारीख को न्यायालय ने उनका गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था।
उल्लेखनीय है कि बदायूं के मोहल्ला कल्याण नगर निवासी प्रशांत सैनी का 28 अक्टूबर 2011 को अपहरण हुआ था, जिसकी 11 नवंबर 2011 को लाश बरामद हुई थी, इस वारदात को शातिर अपराधी हरीश पहाड़िया और दीपक सिंघल ने अंजाम दिया था। हरीश को पूर्व राज्यमंत्री भगवान सिंह शाक्य के आवास से पुलिस ने 7 जनवरी 2012 को गिरफ्तार किया था, जिससे उन पर हरीश को शह देने का आरोप लगा। उनके विरुद्ध पुलिस ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था, इस प्रकरण में उन्होंने जमानत नहीं कराई थी। 7 दिसंबर को स्पेशल जज डकैती कोर्ट के विकास कुमार ने भगवान सिंह शाक्य का गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था और सुनवाई की अगली तारीख 9 जनवरी निश्चित की थी।
भगवान सिंह शाक्य ने शुक्रवार को न्यायालय में समर्पण कर दिया और जमानत पर रिहा करने की गुहार लगाई, तो न्यायालय ने उन्हें सशर्त रिहा कर दिया, इस दौरान उनके तमाम समर्थक न्यायालय परिसर में जमे रहे।
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