उत्तर प्रदेश के आबकारी विभाग ने देशी शराब की दुकान की मासिक लाइसेंस फीस की अदायगी के लिए पूर्व वर्षों 2013-14 व 2014-15 में अनुमन्य व्यवस्था को वर्ष 2015-16 में भी बनाये रखने का निर्णय लिया है। इस व्यवस्था के अनुसार अनुज्ञापी को माह की अन्तिम तिथि तक लाइसेंस फीस की मासिक किश्त जमा करनी होगी, परन्तु उसके द्वारा उठायी गयी देशी शराब में निहित प्रतिफल शुल्क को नियमावली के उपबन्धों के अनुसार लाइसेंस फीस की मासिक किश्त में समायोजित किया जायेगा।
आबकारी विभाग द्वारा जारी आबकारी नीति के अनुसार अनुज्ञापी अगले माह की पहली तारीख के सायं 5.00 बजे तक स्वयं पर देय लाइसेंस फीस की गणना व अपने द्वारा उठायी गयी देशी शराब व जमा की गयी लाइसेंस फीस का विवरण देते हुये अपना लेखा और लाइसेंस फीस पासबुक सत्यापन हेतु जिला आबकारी अधिकारी को प्रस्तुत करेगा। अनुज्ञापी द्वारा उठायी गयी देशी शराब में निहित प्रतिफल शुल्क के सम्यक् समायोजन के पश्चात लाइसेंस फीस में कोई कमी होने की स्थिति में जिला आबकारी अधिकारी लाइसेंस फीस की आउट स्टैडिंग बैलेंस धनराशि को अनुज्ञापी द्वारा जमा प्रतिभूति धनराशि में से समायोजित कर लेगा एवं अविलम्ब विधिसम्मत् प्रक्रियानुसार प्रतिभूति धनराशि में आई कमी को नकद जमा कराने हेतु लाइसेंस प्राधिकारी द्वारा अनुज्ञापी को नोटिस देकर उसे यथा आवश्यकता सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुये प्रतिभूति धनराशि जमा कराने की कार्यवाही सुनिश्चित की जोयगी। इस समस्त कार्यवाही की अधिकतम समय सीमा माह के प्रारम्भ से 10 कार्य दिवस होगी। नियमानुसार अपेक्षित प्रतिभूति धनराशि की प्रतिपूर्ति न करने की दशा में नियत अवधि व्यतीत हो जाने पर प्रश्नगत अनुज्ञापन लाइसेंस प्राधिकारी द्वारा निरस्त कर दिया जायेगा। माह के समाप्त होने पर आगामी माह में देशी शराब की मात्रा उठाकर प्रतिभूति धनराशि की कमी की पूर्ति अनुमन्य नहीं होगी।