बदायूं जिले में लापरवाही का आलम यह है कि आज बिजली विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही के चलते देवरानी-जेठानी की भेंट चढ़ गई। घटना को लेकर समूचे इलाके में शोक व आक्रोश व्याप्त है। आक्रोशित भीड़ ने पुलिस को देर शाम तक शव छूने तक नहीं दिये। भीड़ मौके पर डीएम को बुलाने की मांग कर रही है।
हृदय विदारक घटना बदायूं जिले की तहसील बिसौली क्षेत्र की है। बिसौली कोतवाली क्षेत्र के गाँव धर्मपुर बिहारीपुर निवासी कलावती (40) पत्नी सूरजपाल एवं विधवा देवरानी ज्ञानवती (38) पत्नी प्रेमपाल बीमार थीं और दोनों दोपहर में कस्बा बिसौली के लिए दवा लेने को निकलीं। धर्मपुर स्थित बस स्टैंड पर सवारी का इंतजार कर रही थीं, तभी टाटा पिकअप गाड़ी आ गई, जिसमें चालक ने उन्हें बैठा लिया।
बिसौली मार्ग पर निर्माण कार्य चलने के कारण चालक पिकअप गाड़ी को गाँव बसई की ओर से ले जाने लगा, लेकिन कुछ दूर चलते ही गाँव धर्मपुर बिहारीपुर के नजदीक ही जमीन छूते हाईटेंशन लाइन के तार पिकअप से छू गये। तार छूते ही गाड़ी में आग लग गई। गाड़ी में तीन लोग ही सवार थे और तीनों चीखने लगे। घायल चालक किसी तरह गाड़ी से निकल आया और वह खेतों में होते हुए भाग गया। चीखों की आवाज सुन कर खेतों में कार्य कर रहे किसान घटना स्थल की ओर दौड़ पड़े। एक किसान ने मोबाइल से तत्काल बिजली घर फोन भी कर दिया, लेकिन एक घंटे तक बिजली की लाइन नहीं काटी गई, जिससे दोनों महिलायें जिंदा जल गईं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अगर, तत्काल लाइन काट दी जाती, तो महिलायें भी बच सकती थीं, लेकिन एक घंटे बाद बिजली की लाइन कटी, तब किसान गाड़ी के नजदीक गये और तब अधजले शव गाड़ी से बाहर निकाले गये।
घटना के बाद समूचे इलाके में कोहराम मच गया। पुलिस व प्रशासनिक अफसरों को जानकारी मिली, तो अफसरों में भी हडकंप मच गया। सूचना पर कोतवाली पुलिस के साथ एसडीएम गुलाब चंद्र व सीओ राजवीर सिंह मौके पर पहुंच गये, लेकिन देर शाम तक आक्रोशित भीड़ ने शव नहीं उठाने दिए। एसडीएम ने पांच-पांच लाख दुर्घटना बीमा और दो-दो लाख मंडी समिति के बीमे की राशि दिलाने का आश्वासन दिया, पर आक्रोशित भीड़ मौके पर डीएम को बुलाने की मांग कर रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि दो साल से तार ऐसे ही झूल रहे हैं, जिसकी कई बार विभाग के अफसरों को जानकारी दी गई, लेकिन विभागीय अफसरों ने तार सही करने में कोई रूचि नहीं दिखाई, जिसका दुष्परिणाम ही है आज की दर्दनाक घटना। अब ध्यान देने वाली महत्वपूर्ण बात यही है कि प्रशासन लापरवाह विभागीय अफसरों और कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई करेगा, या नहीं।