विधान सभा चुनाव में भले ही अभी समय है, लेकिन संभावित प्रत्याशी अपनी राजनैतिक गोटियाँ बिछाने में व्यस्त नजर आ रहे हैं। बात बदायूं जिले के विधान सभा क्षेत्र सहसवान की करें, तो यहाँ से उमलेश यादव का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है, इस क्षेत्र के विधायक व प्रदेश सरकार में ग्राम्य विकास राज्यमंत्री ओमकार सिंह यादव को चुनौती दे पाना बेहद कठिन कार्य है, इसलिए उमलेश यादव प्रभावशाली राजनैतिक दल की शरण में जाने के प्रयास कर रही हैं।
उमलेश यादव बाहुबलि व धनबलि नेता डीपी यादव की पत्नी हैं, वे बिसौली विधान सभा क्षेत्र से विधायक चुनी गई थीं, लेकिन स्वर्गीय योगेन्द्र कुमार गर्ग “कुन्नू बाबू” की शिकायत पर उनकी विधान सभा की सदस्यता रदद् कर दी गई थी। सहसवान क्षेत्र से डीपी यादव विधायक रह चुके हैं, वे साढ़े तीन सौ मतों के अंतर से ओमकार सिंह यादव को हरा कर विधायक चुने गये थे, जिसका बदला ओमकार सिंह यादव ने अगले चुनाव में ले लिया था। हाल-फिलहाल डीपी यादव भाटी हत्याकांड में दोषी करार दिए जा चुके हैं और सजा काट रहे हैं। सट्टा कांड में नाम आने के बाद डीपी यादव को देहरादून की जेल से दिल्ली भेज दिया गया था। डीपी यादव के सलाखों के पीछे चले जाने से उनकी राजनैतिक जमीन उनके हाथों से फिसल गई है। राजनीति का आधार डीपी यादव ही थे, सो पूरा परिवार राजनीति की जमीन पर पैर तक नहीं रख पा रहा है।
उमलेश यादव राजनैतिक विरासत को बचाए रखने के इरादे से जूझ रही हैं, इसीलिए उन्होंने सहसवान क्षेत्र से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। सूत्रों का कहना है कि उन्होंने भाजपा में जाने के प्रयास किये, लेकिन विवादों के चलते भाजपा ने उन्हें लेने से स्पष्ट मना कर दिया। निर्दलीय, अथवा अपने रापद से चुनाव लड़ने की स्थिति में वे ओमकार सिंह यादव को टक्कर भी नहीं पायेंगी, इसलिए वे प्रभावशाली राजनैतिक दल से ही चुनाव लड़ना चाहती हैं। सूत्रों का कहना है कि वे अपना दल के संपर्क में हैं। अपना दल को गठबंधन की स्थिति में कुछ सीटें मिलेंगी ही। उमलेश यादव अपना दल के माध्यम से भाजपा के वोट हासिल करने के प्रयास में जुटी हुई हैं। हालांकि उमलेश यादव की ओर से अभी तक ऐसे संकेत नहीं दिए गये हैं। आने वाले समय में ही स्पष्ट हो सकेगा कि भाजपा अपना दल को सहसवान क्षेत्र समझौते में देगी, या नहीं और अपना दल उमलेश यादव को प्रत्याशी बनायेगा, या नहीं?
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