उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि महिलाओं को सम्मान देने वाला समाज ही प्रगति कर सकता है। राज्य सरकार प्रदेश की आधी आबादी के लिए जेण्डर बजटिंग के साथ-साथ जेण्डर इक्वलिटी पर भी ध्यान दे रही है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और स्वाभिमान के साथ जीवन-यापन के लिए शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं की शिक्षा एवं सुरक्षा के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से गम्भीर है।
मुख्यमंत्री आज लखनऊ स्थित होटल ताज में प्रदेश सरकार और हिन्दुस्तान समाचार पत्र की साझा पहल ‘महिला शिक्षा और सुरक्षा अभियान‘ के सफलतापूर्वक सम्पन्न होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि कौशल विकास मिशन के तहत बड़ी संख्या में महिलाओं एवं छात्राओं को हुनरमन्द बनाकर उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। राज्य में 15 लाख छात्र-छात्राओं को बांटे गए निःशुल्क लैपटाॅप योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि योजना के तहत छात्रों की अपेक्षा छात्राओं को लैपटाॅप अधिक मिले हैं। इसके साथ ही, मेधावी विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क लैपटाॅप वितरण की योजना में भी लैपटाॅप प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में छात्राओं की संख्या ही अधिक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाकर उन्हें परिवार एवं समाज में सम्मान दिलाया जा सकता है। सम्यक रूप से विचार करने के बाद ही समाजवादी पेंशन योजना में महिला मुखिया को प्राथमिकता दी गई और धनराशि उसके खाते में ही स्थानांतरित की जा रही है, जिससे परिवार में उनका सम्मान बढ़े।
‘1090’ विमेन पावर लाइन के माध्यम से महिलाओं को प्रदान की जा रही सहायता की चर्चा करते हुए श्री यादव ने कहा कि अब तक लगभग 03 लाख 90 हजार महिलाओं एवं छात्राओं को राहत पहुंचाई गई। इससे महिलाओं और छात्राओं को निश्चिन्त होकर बाहर निकलने का हौसला मिला है। महिलाओं एवं बच्चों के हेल्थ इंडिकेटर में सुधार के लिए राज्य सरकार ने कई कदम उठाए हैं। सरकार अपने संसाधनों के साथ-साथ बिल एण्ड मेलिण्डा गेट्स फाउण्डेशन तथा क्लिंटन फाउण्डेशन जैसी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की स्वैच्छिक संस्थाओं की मदद से इस दिशा में बड़ी उपलब्धि दर्ज करने में सफल रही है। राज्य सरकार ने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण करके मातृ एवं शिशु मृत्यु-दर में कमी लाने में भारी सफलता प्राप्त की है।
प्रदेश सरकार ने रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष का गठन करते हुए इसके लिए वर्ष 2015-16 के बजट में 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है। इस कोष की स्थापना महिला सशक्तीकरण और उनके आर्थिक स्वावलम्बन के लिए की गई है। विभिन्न अपराधों से पीडि़त महिलाओं, बालिकाओं को आर्थिक सहायता एवं चिकित्सा सुविधा देने की भी व्यवस्था इसके माध्यम से की गई है।
मुख्यमंत्री ने 16 जुलाई, 2015 से 27 अगस्त, 2015 तक चलाए गए ‘उत्तर प्रदेश महिला शिक्षा और सुरक्षा अभियान‘ की सफलता पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इस अभियान के माध्यम से प्रदेश के दूर-दराज के क्षेत्रों की महिलाओं तक उनके लिए संचालित योजनाओं की जानकारी पहुंची है। अपनी उपलब्धि से समाज के लिए उदाहरण प्रस्तुत करने वाली महिलाओं को अभियान के तहत सम्मानित करने से उनका आत्म-विश्वास बढ़ा है। इस अभियान से मिले फीड बैक का उपयोग भविष्य में महिलाओं एवं छात्राओं के लिए चलाए जाने वाले कार्यक्रमों में किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में अपने कार्याें के माध्यम से उदाहरण प्रस्तुत करने वाली लखनऊ जनपद की 10 महिलाओं के साथ ही, प्रदेश के प्रत्येक जनपद की एक-एक महिला को भी सम्मानित किया। इस मौके पर राजनैतिक पेंशन मंत्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा कि समाजवादी विचारधारा में महिलाओं को पुरूषों के बराबर ही सम्मान देने की परम्परा रही है। इसी विचारधारा से प्रेरित होकर वर्तमान राज्य सरकार महिलाओं एवं छात्राओं के कल्याण के लिए कई कार्यक्रम संचालित कर रही है।
कार्यक्रम में मौजूद सांसद डिम्पल यादव ने अपने सम्बोधन में कहा कि महिलाओं की समस्याओं को गम्भीरता से लेते हुए उनकी बेहतरी के लिए लगातार काम करने की जरूरत है। महिलाओं की प्रगति तथा बराबरी के लिए सरकारों को जेण्डर बजट पर ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनके कौशल विकास पर खासतौर काम किया जाना चाहिए। उन्होंने निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनियों द्वारा सामाजिक कार्याे के लिए दी जा रही धनराशि में महिला कल्याण के लिए अलग से धनराशि की व्यवस्था करने का सुझाव देते हुए कहा कि विभिन्न योजनाओं के लाभ के लिए महिला स्वयं सहायता समूह बनाए जाने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा, कौशल विकास एवं स्वास्थ्य से ही एक स्वस्थ समाज की रचना हो सकती है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव सूचना नवनीत सहगल सहित अन्य अधिकारी, गणमान्य व्यक्ति, स्वैच्छिक संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित थे।
ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित की गईं जनपद लखनऊ की महिलाओं में समता कुमारी (उत्तर प्रदेश की पहली लोको पायलट), उमा शुक्ला (कठपुतली के माध्यम से जागरूकता फैलाना), रिद्धि पाठक (स्वैच्छिक संस्था का संचालन), विनय कुमारी (महिला दंगल की 200 वर्ष पुरानी परम्परा को कायम रखा), हामिदा (मुस्लिम महिलाओं को आधुनिक तकनीक से जोड़ा), अनीता (बालिकाओं के लिए अपने क्षेत्र के पहले स्कूल की स्थापना), विमला बहन (महिलाओं के लिए स्वरोजगार हेतु प्रयास), सुमन द्विवेदी (महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत), रेनू मिश्रा (महिलाओं को निःशुल्क कानूनी सहायता), शिक्षा क्षेत्र में डिंपल शर्मा तथा निर्मल मिश्रा (ग्रामीण क्षेत्र में विद्यालय की स्थापना) शामिल हैं।