यूपी में माफियाराज खत्म करने को ई-टेंडरिंग व्यवस्था लागू करने के निर्देश

यूपी में माफियाराज खत्म करने को ई-टेंडरिंग व्यवस्था लागू करने के निर्देश
बैठक में दिशा-निर्देश देते मुख्य सचिव राहुल भटनागर।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की मंशा के अनुरूप मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने निर्देश दिये हैं कि प्रदेश के समस्त विभागों एवं प्राधिकरणों में टेण्डर एवं ठेकेदारी प्रक्रिया में माफियाराज को समाप्त करने एवं भयमुक्त होकर निविदा प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ पूर्ण कराने हेतु ई-टेण्डरिंग व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू किया जाये। उन्होंने कहा कि ई-टेण्डरिंग की व्यवस्था से सम्बन्धित अधिकारियों का अवांछित कार्य व दबाव हेतु खत्म होने के साथ-साथ प्रतिस्पर्धा होने के कारण विभागों को वस्तु/सेवायें क्रय करने में न्यूनतम तथा विक्रय करने में अधिकतम दरें प्राप्त हो सकेंगी। उन्होंने कहा कि बिडर्स, कॉन्ट्रेक्टर्स के टेण्डर्स में प्रतिभाग करने में, ई-टेण्डर खुलने, मूल्यांकन (इवैल्यूएशन), सफल तथा असफल सभी प्रतिभागियों को स्वतः सूचना उनके ई-मेल पर सूचित किया जाना संभव होगा। उन्होंने कहा कि मैनुअल टेण्डरिंग के अन्दर इन्डेन्ट के प्रारंभ से लेकर निविदायें प्राप्त करने एवं उसके तुलनात्मक परीक्षण तक का कार्य, जिसमें लगभग 3 माह का समय लगता है। ई-टेण्डरिंग के माध्यम से टेण्डरिंग प्रक्रिया 1 माह में पूर्ण होने से समय की अत्यधिक बचत होगी।

मुख्य सचिव लखनऊ में शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में आज सभी विभागों में समस्त सरकारी कॉन्टेक्ट के लिये ई-टेण्डरिंग की व्यवस्था लागू किये जाने के सम्बन्ध में विभागाीय अधिकारियों की बैठक कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि ई-टेण्डरिंग का प्रभावी रूप से क्रियान्वयन कराने से टेण्डर से सम्बन्धित समस्त पत्रावलियां ई-टेण्डर डाटाबेस में सुरक्षित रहेंगी और आगामी 5 से 10 वर्षों के उपरान्त भी टेण्डर से सम्बन्धित किसी भी अभिलेख को साईट पर देखा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि ई-प्रोक्योरमेन्ट/ई-टेण्डरिंग प्रणाली के अन्तर्गत विभिन्न कार्यवाही यथा ई-रजिस्ट्रेशन, ई-कोडिंग, टेण्डर क्रियेशन, टेण्डर प्रकाशन, टेण्डर परचेज, सब-मिशन, बिड ओपनिंग, बिड एवैल्युएशन, अवार्ड आॅफ कॉन्ट्रेक्ट आदि समस्त कार्य इलेक्ट्रानिक माध्यम से किये जायेंगे। साथ ही यह भी निर्देश दिये गये कि सम्बन्धित विभागों द्वारा आमंत्रित टेण्डर्स के सापेक्ष प्राप्त होने वाली टेण्डर प्रोसेसिंग फीस तथा धरोहर धनराशि (ई.एम.डी.) इत्यादि भी भौतिक रूप से प्राप्त न कर केवल आॅनलाइन ही प्राप्त की जाये तथा आॅनलाइन ही वापस की जाये। यह व्यवस्था भी तत्काल प्रभाव से लागू की जाये।

श्री भटनागर ने कहा कि ई-टेण्डरिंग व्यवस्था में सर्वाधिक प्रतिस्पद्र्धात्मक दरें प्राप्त करने के लिये अलग-अलग ई-प्रोक्योरमेन्ट प्लेटफार्म का प्रयोग करने के स्थान पर सभी विभागों द्वारा एन.आई.सी. द्वारा विकसित ई-प्रोक्योरमेन्ट प्लेटफाॅर्म साईट पर ई-प्रोक्योरमेन्ट किया जायेगा। उन्होंने कहा कि ई-प्रोक्योरमेन्ट प्रणाली में नियमों एवं प्रक्रियाओं में कोई परिवर्तन नहीं किया जायेगा, अपितु वर्तमान में नियमों एवं प्रक्रियाओं के अन्तर्गत ही केवल इलेक्ट्रानिक मीडिया का उपयोग करते हुये टेण्डरिंग की कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि स्टोर-परचेज रूल्स, टेण्डर रूल्स एवं तत्सम्बन्धी अन्य नियम उक्त श्रेणियों की ई-टेण्डरिंग में यथावत लागू रहेंगे एवं इनमें प्रचलित पेपर ट्रान्जेक्शन के स्थान पर मात्र इलेक्ट्रानिक माध्यम का प्रयोग करते हुये ई-प्रोक्योरमेन्ट/ई-टेण्डरिंग की जायेगी।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में ई-प्रोक्योरमेन्ट/ई-टेण्डरिंग प्रणाली लागू करने हेतु उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीएलसी) नोडल एजेन्सी होगी। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित विभागों द्वारा वर्तमान में जिस भी सीमा तक की निविदायें मैन्युअल प्रक्रिया के माध्यम से आमंत्रित की जाती है, उन सभी सीमाओं की निविदायें भविष्य में ई-टेण्डर प्रक्रिया के माध्यम से ही आमंत्रित की जानी अनिवार्य होंगी। बैठक में अपर मुख्य सचिव, आई.टी. संजीव सरन एवं प्रमुख सचिव, सूक्ष्म एवं लद्यु उद्योग रजनीश दुबे सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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