उत्तर प्रदेश के तेजतर्रार नगर विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री आजम खान के बयान विवादित हो सकते हैं, उनका अफसरों के साथ व्यवहार विवादित हो सकता है, लेकिन उन पर कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा सकता। आजम खान को भ्रष्टाचार की भनक लग जाये, तो वे भ्रष्ट अफसरों को सार्वजनिक रूप से अपमानित भी करते रहे हैं। राजनीति में ईमानदारी की मिसाल के तौर पर आजम खान का नाम लिया जाता है, इसीलिए भ्रष्ट अफसर उनके नाम से कांपते हैं। बदायूं के जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी रामपुर जिले के भी जिलाधिकारी रह चुके हैं, वे आजम खान की कार्यप्रणाली से भली-भांति परिचित हैं, इसके बावजूद ई-रिक्शा के पात्र चयनित करने में भ्रष्टाचार हावी रहा और जिलाधिकारी ने रोकने में रूचि तक नहीं ली।
उल्लेखनीय है कि नगर विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री आजम खान अपने विभाग से निःशुल्क ई-रिक्शा बांटने की योजना चला रहे हैं, जिसके अंतर्गत बदायूं शहर में स्थित इस्लामियां इंटर कॉलेज के प्रांगण में 24 जुलाई वे 299 लोगों को ई-रिक्शा बाँटेंगे, साथ ही राजकीय कन्या डिग्री कॉलेज के शैक्षिक सत्र का शुभारम्भ करेंगे और स्थानीय निकायों द्वारा कराये गये करोड़ों के निर्माण कार्यों का लोकार्पण भी करेंगे।
कार्यक्रम की तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं। आजम खान के खास कहे जाने वाले सदर विधायक एवं दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा तैयारियों पर स्वयं नजर रखे हुए हैं, उन्होंने जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी, एसएसपी सुनील कुमार सक्सेना एवं सीडीओ प्रताप सिंह भदौरिया सहित अन्य तमाम अधिकारियों के साथ इस्लामियां इंटर कॉलेज में पहुंच कर आज तैयारियों का जायजा लिया और अफसरों को निर्देश दिए कि किसी तरह की कमी नहीं रहनी चाहिए। जिलाधिकारी ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था हेतु पुलिस बल तैनात रहेगा, साथ ही पेयजल और एम्बुलेंस सहित चिकित्सकों की टीम मौजूद रहेगी। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में विभिन्न योजनाओं से संबंधित महिला लाभार्थियों को भी बुलाया जायेगा और समारोह में विभिन्न सरकारी विभागों की विकास प्रदर्शनी भी लगवाई जायेगी। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम को रोचक बनाने के लिए स्कूली बच्चों द्वारा सांस्कृृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जायेंगे। जिलाधिकारी आजम खान के कार्यक्रम को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम जैसा बनाने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि आजम खान उनसे व्यक्तिगत रूप से प्रसन्न हो जायें, लेकिन सवाल यह उठता है कि आजम खान को भ्रष्टाचार के संबंध में जानकारी मिल गई, तो क्या होगा?
सूत्रों का कहना है कि एआरटीओ में पात्रों से जमकर वसूली की गई है। ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए प्रति व्यक्ति तीन सौ रूपये तक वसूले गये हैं। पांच सौ रूपये प्रति व्यक्ति तक रजिस्ट्रेशन के वसूले गये हैं। सूत्रों का कहना है कि कुछ पात्रों से दलालों ने बीस हजार रूपये तक लिए हैं और गारंटी दी है कि उन्हें रिक्शा दिलाया जायेगा। पात्रों के चयन को लेकर भी तमाम तरह के आरोप लगाये जा रहे हैं। सुबह रिक्शे बंटेंगे, लेकिन अभी तक पात्रों की सूची सार्वजनिक नहीं की गई है। सूत्रों का कहना है कि कल 299 ई-रिक्शे बांटे जायेंगे, जिनमें मुस्लिम वर्ग के पात्रों की संख्या 90% से भी ऊपर बताई जा रही है, इस सबका जिम्मेदार सीधे जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी को ही माना जा रहा है। विशेष ध्यान देने वाली बात अब यही है कि रविवार को आजम खान तक भ्रष्टाचार का प्रकरण पहुंचेगा, या नहीं? और अगर, उनके संज्ञान पहुंचा, तो जिलाधिकारी उनके कोप से बच पायेंगे या नहीं?
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