बदायूं के इस्लामिया इंटर कॉलेज के प्रांगण में रविवार को आयोजित किये गये ई-रिक्शा वितरण समारोह में कई दृश्य असहज करने वाले नजर आये। राजनैतिक संरक्षण प्राप्त छोटे अफसर मंच पर बैठे थे, वहीं कई बड़े अफसर उनके ही सामने खड़े नजर आये। अखबार विमोचन से पहले जनता के बीच बाँट दिया गया, जो भीषण गर्मी में हवा करने के काम आया, वहीं कुछ लोग मंच के पीछे शराब भी पीते नजर आये।
जी हाँ, डूडा कार्यालय में तैनात एक महिला अफसर को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है, जो कार्यक्रम में उसके हाव-भाव से भी स्पष्ट झलक रहा था। महिला अफसर कुर्सी पर बैठ कर शीर्ष अफसरों से बात कर रही थी, जबकि उसके ठीक सामने एडीएम (प्रशासन) कई घंटे खड़े रहे, पर उस पर कोई असर नहीं हुआ। डूडा के पीडी भी खड़े थे, लेकिन वह कुर्सी पर बैठी रही।
इसी तरह सांसद धर्मेन्द्र यादव और कैबिनेट मंत्री आजम खान के मंच पर पहुँचने से पहले अखबार जनता के बीच बाँट दिया गया, जिसकी व्यापक स्तर पर चर्चा होती रही कि विमोचन से पहले ही अखबार बाँट दिया। भीषण गर्मी में अखबार पंखे की तरह झलने के काम आया, तो लोग यह भी कहते सुने गये कि सही बाँट दिया, वरना गर्मी में और भी परेशानी होती।
इससे भी बड़े आश्चर्य की बात यह है कि जिले के शीर्ष अफसर कार्यक्रम में मौजूद थे, साथ ही खुफिया एजेंसियों के अफसर भी थे, ऐसे में मंच से दस कदम पीछे कमरों में कार्यक्रम के दौरान ही कुछ लोग शराब पीते नजर आये। शराब पीने वालों पर लोगों की नजर पड़ी, तो वे सतर्क हो गये, लेकिन शराब पीने की घटना चर्चा का विषय बन गई। कार्यक्रम में तमाम गरीब और विकलांग ऐसे भी थे, जिन्हें ई-रिक्शा नहीं मिल सका, ऐसे परेशान लोग आजम खान से मिलने का प्रयास करते नजर आये, पर पुलिस व प्रशासन के अफसरों ने उन्हें पास तक नहीं फटकने दिया।
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