समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन के अवसर पर किये जा रहे कंबल वितरण समारोह में भगदड़ से दबने के कारण एक महिला की मौत हो गई, जिससे जनमानस के बीच यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि समाजवादी विचारधारा का सबसे बड़ा वाहक शाही बग्घी में बैठ कर घूमा और यह संदेश देने का प्रयास किया कि समाज बदल रहा है और अब पिछड़ी जाति के लोग भी आगे निकल रहे हैं, जो बराबरी का संकेत है, लेकिन एक कंबल पाने के लिए हुई भगदड़ और उस भगदड़ में एक महिला के मर जाने से बड़ा संकेत यह बताने के लिए क्या होगा कि आज भी सामाजिक स्थिति क्या हैं?
बदायूं जिले के कस्बा बिसौली में मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें कंबल वितरित भी होने थे। समारोह के मुख्य अतिथि सपा मुखिया के भतीजे व बदायूं के सांसद धर्मेन्द्र यादव रहे। यहाँ धर्मेन्द्र यादव ने यह भी कहा कि “नेता जी” का जन्मदिन गरीब लोग मना रहे हैं, लेकिन धनाढ्यों के धन पर आयोजन करते रहने वाले “नेता जी” के जन्मदिन समारोह पर सवाल उठा रहे हैं, वे यह सब कह कुछ ही दूर निकले होंगे कि कंबल पाने के लिए धक्का-मुक्की शुरू हो गई, जिससे बिसौली के मोहल्ला गदरपुरा निवासी सरवती (60 ) पत्नी घनश्याम, जाति धीमर दब गई और उसकी मृत्यु हो गई। हालांकि उसे स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी सीएचसी ले गये, पर डॉक्टर ने भी महिला को मृत घोषित कर दिया।
खैर, घटना संयोग भी मानी जा सकती है, फिर भी यह घटना इतना संकेत देने को तो काफी है ही कि समाज में ऐसे लोग भी हैं, जो एक कंबल के लिए जान दे देते हैं और एक कंबल के लिए लोग इंसान को कदमों तले रौंद भी देते हैं। वैसे प्रशासनिक गलती तो है ही, क्योंकि समारोह स्थल पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किये गये थे। प्रशासन की ओर से कहा जा रहा है कि फोर्स रामपुर गया था और महिला की मौत हार्ट अटैक से हुई है, जबकि प्रत्यक्षदर्शियों का यही कहना है कि जमीन पर गिरने के बाद महिला के ऊपर लोग चढ़ गये थे।
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