बदायूं जिले के सहसवान विधान सभा क्षेत्र से भाजपा ने प्रत्याशी बदल दिया है। जितेन्द्र यादव की जगह भाजपा ने आशुतोष वार्ष्णेय को प्रत्याशी बना दिया है, इस परिवर्तन को लेकर अलग-अलग तरह की अफवाहें चल रही हैं।
सूत्रों का कहना है कि सहसवान विधान सभा क्षेत्र से विधायक रह चुके डीपी यादव जेल में हैं एवं बिसौली क्षेत्र सुरक्षित हो जाने के कारण उमलेश यादव सहसवान से चुनाव लड़ने की तैयारी करने लगीं और भाजपा में टिकट के लिए दावेदारी पेश कर दी, उनके भतीजे जितेन्द्र यादव बिल्सी क्षेत्र पर दावेदारी कर रहे थे। सूत्रों का कहना है कि भाजपा ने उमलेश यादव को टिकट देने से मना कर दिया, साथ ही उन्हें सुझाव दिया गया कि अपना दल को सीट छोड़ सकते हैं और वह अपना दल से टिकट के प्रयास करें, उमलेश यादव अपना दल के लिए अपना रापद खत्म करने को तैयार नहीं हुईं, तो भाजपा ने बिल्सी से दावेदार जितेन्द्र को सहसवान से प्रत्याशी बनाने की सहमति दे दी। अंतिम क्षणों तक टिकट के प्रयास किये गये, लेकिन हाईकमान नहीं माना, तो डीपी के परिवार ने रणनीति के जितेन्द्र यादव को टिकट दिला दिया।
भाजपा किसी और को प्रत्याशी न बनाये, इसलिए जितेन्द्र यादव को टिकट दिलाया गया। अब सूत्रों का कहना है कि जितेन्द्र अपना नामांकन पत्र जमा नहीं करेंगे, जिसका लाभ रापद को मिलेगा, इसी रणनीति के चलते जितेन्द्र यादव 24 जनवरी को मुख्यालय आये, लेकिन नामांकन पत्र जमा कराए बिना ही लौट गये। 26 जनवरी को छुट्टी रही और 27 जनवरी को नामांकन का अंतिम दिन है।
अब सूत्रों का कहना है कि डीपी के परिवार की रणनीति का खुलासा होते ही भाजपा के नेता स्तब्ध रहे गये और पहले से चुनाव की तैयार कर रहे आशुतोष वार्ष्णेय को आनन-फानन में प्रत्याशी घोषित कर दिया। हालांकि अभी तक इन खबरों को लेकर पुष्टि नहीं हो पा रही है। जितेन्द्र के समर्थक आक्रोशित हैं एवं रापद प्रत्याशी उतारने में जुटी हुई है। जितेन्द्र यादव बिल्सी से नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं।
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