बदायूं जिले का दुर्भाग्य समाप्त होता नजर आ रहा है, क्योंकि जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह जमीनी स्तर पर कड़ी मेहनत करते नजर आ रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में जिले में ऐसे जिलाधिकारी रहे हैं, जिनकी कार्यप्रणाली से बदायूं पीछे चला गया। सपा सरकार में प्रमोशन से आईएएस बने जिलाधिकारी तैनात किये जाते रहे, जो अपना विकास करने में ही जुटे रहे। डीएम ऑफिस कुख्यात बाबू ही चलाते रहे हैं, जो खुलेआम रिश्वत वसूलते थे, इन बाबुओं ने अकूत संपत्ति अर्जित कर ली है। सत्ता परिवर्तन के बाद आस जगी कि अब अच्छे अफसर तैनात होंगे, लेकिन भाजपा सरकार ने अनीता श्रीवास्तव को तैनात कर दिया, जिन्होंने सपा सरकार से भी बुरे हालात बना दिए। दिनेश कुमार सिंह आये, तो लोगों को बहुत ज्यादा खुशी नहीं हुई। अधिकांश लोगों का यही मानना था कि अनीता श्रीवास्तव से बेहतर हो सकते हैं, पर बहुत ज्यादा कुछ नहीं कर पायेंगे, पर दिनेश कुमार सिंह उम्र और अनुभव का बेहतर प्रयोग करते हुए जिले की अव्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटे नजर आ रहे हैं, जिससे उनकी लोग खुल कर प्रशंसा करते दिख आ रहे हैं।
जिलाधिकारी ने आज शेखूपुर स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का औचक निरीक्षण किया, जहाँ उन्होंने छात्राओं को 69 में ईकाई-दहाई का ज्ञान न होने तथा 17 का पहाड़ा एवं मेरा नाम अंकिता है का अंग्रेजी अनुवाद न बता पाने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रेम चन्द्र यादव की जमकर क्लास लेते हुए खुल कर कहा कि बीएसए साहब मैं परिषदीय विद्यालयों, कस्तूरबा बालिका विद्यालयों में उपस्थिति तथा शिक्षा व्यवस्था से कतई संतुष्ट नहीं हूँ।
जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चन्द्र प्रकाश के साथ शेखूपुर स्थित नगर क्षेत्र के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। विद्यालय में 100 छात्राओं के सापेक्ष मात्र 42 छात्राएं ही उपस्थित मिलने पर डीएम ने कारण पूछा, तो संगीत शिक्षिका प्रतिष्ठा शर्मा ने बताया कि शेष बच्चियों को वार्डन ने छुट्टी दे दी है। इतना सुनते ही डीएम का पारा चढ़ गया। उन्होंने कहा कि इस लापरवाही के लिए क्यों न वार्डन की सेवाएं समाप्त कर दी जाएं। डीएम ने कहा कि एक साथ 58 बच्चियों को किस की अनुमति से छुट्टी दी गई। उन्होंने बीएसए को निर्देश दिया कि वार्डन उपासना सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण लें और उन्हें अवगत कराएं।
विद्यालय में मौजूद संगीत शिक्षिका प्रतिष्ठा शर्मा, गणित शिक्षिका नीतू गंगवार एवं बीएसए को डीएम ने चेतावनी दी कि लगभग ढेड़ माह बाद स्कूल का पुनः निरीक्षण करेंगे, सुधार न मिलने की स्थिति में कार्यवाही के लिए तैयार रहें। विद्यालय में फुल टाइम पांच तथा पार्ट टाइम तीन शिक्षक/शिक्षिकाएं हैं। रविवार के अवकाश होने के कारण केवल संगीत एवं गणित की शिक्षिकाएं उपस्थित पाई गईं। विद्यालय में नौ स्वच्छ शौचालय स्थापित हैं। इनडोर एवं आउटडोर खेलों के लिए पर्याप्त सामान उपलब्ध है। डीएम ने बच्चों से भोजन, रजाई, गददों की उपलब्धता के सम्बंध में भी विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने बीएसए को निर्देश दिए कि विद्यालय में बाउंड्री वॉल के किनारे पौधारोपण कराया जाए और भवन की रंगाई-पुताई भी कराई जाए। डीएम ने बच्चियों को प्रतिदिन की दिनचर्या के सम्बंध में भी जानकारी लेते हुए पूछा कि किसी प्रकार की कोई असुविधा तो नहीं है। जिलाधिकारी ने उपलब्ध बजट के सम्बंध में भी जानकारी ली। बीएसए ने बताया कि धनराशि की कोई कमी नहीं है।
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