बदायूं जिले की नगर पंचायत रुदायन की भ्रष्ट अध्यक्ष कांती देवी और भ्रष्ट जेई मनोज सेंगर कानूनी शिकंजे में फंसते जा रहे हैं। नया सवेरा योजना के अन्तर्गत सड़क निर्माण कार्य में वित्तीय अनिमिततायें पाये जाने पर जिलाधिकारी पवन कुमार ने दोनों भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने हेतु शासन को संस्तुति पत्र भेज दी है।
जिलाधिकारी ने कहा कि निर्माण कार्यों में किसी प्रकार की अनियमितता को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गुणवत्ता मानक के विरुद्ध होेने तथा वित्तीय नियमों का पालन न करने पर किसी भी अधिकारी, कर्मचारी के साथ कोई रियायत नहीं बरती जाएगी। नगर पंचायत रुदायन में सड़क निर्माण कार्य में बरती गई अनियमितताओं का संज्ञान लेते हुए डीएम ने अध्यक्ष को जब नोटिस भेजा, तो अध्यक्ष ने नोटिस के जवाब में उत्तर दिया कि उनकी शैक्षिक योग्यता कक्षा पांच तक है। उन्हें वित्तीय नियमों की सम्पूर्ण जानकारी नहीं है। नगर पंचायत के बाबू सुन्दर लाल ने उन्हें भ्रमित करते हुए अवगत कराया कि सम्बंधित प्रकरण में समस्त औपचारिकताएं पूर्ण कर ली गई हैं। इसके उपरान्त ही बिल भुगतान हेतु चेक पर हस्ताक्षर किए गए।
डीएम ने प्रकरण वित्तीय क्षति से सम्बंधित होने तथा अध्यक्ष के कार्यकाल के चार वर्ष से अधिक समाप्त हो जाने के कारण अध्यक्ष द्वारा दिए गए उत्तर को संतोषजनक नहीं मानते हुए, उनके विरुद्ध कार्रवाई हेतु प्रदेश के नगर विकास विभाग को संस्तुति कर दी है। लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन अवर अभियन्ता मनोज सेंगर ने तो जिला प्रशासन द्वारा भेजे गए नोटिस का जवाब देना भी उचित नहीं समझा। डीएम ने इसे घोर अनुशासनहीनता एवं लापरवाही मानते हुए वित्तीय नियमों का पालन न करने पर उनके विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई हेतु शासन को संस्तुति भेज दी है। यहाँ यह भी बता दें कि मनोज सेंगर सपा सरकार में नगर पंचायतों में हावी था, साथ ही व्यक्तिगत कार्यालय बना कर कई निजी नौकर रखता था, इसके संपूर्ण कार्यकाल के संपूर्ण कार्यों की जाँच हो जाये, तो अरबों की हेरा-फेरी सामने आ सकती है।
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