पंचतत्व फाउंडेशन की संस्थापक वॉटर वुमेन शिप्रा पाठक की माँ गोमती की आध्यात्मिक एवं जन-जागरण पदयात्रा पूर्ण हो गई है। विलय स्थल एवं प्राचीन मार्कंडेय मंदिर में पूजा-अर्चना कर वॉटर वुमेन ने माँ गोमती के संरक्षण के लिये किनारों पर पौधारोपण कराने का संकल्प दोहराया।
वॉटर वुमेन शिप्रा पाठक की पदयात्रा शुक्रवार को जौनपुर जिले की सीमा पार कर वाराणसी जिले में प्रवेश कर गई थी। वॉटर वुमेन ने कैथी स्थित विलय स्थल पर रात्रि विश्राम किया। रविवार को वॉटर वुमेन ने विलय स्थल पर माँ गोमती की पूजा-अर्चना की एवं उद्गम स्थल व विभिन्न घाटों से लिये गये जल अर्पित किया।
वॉटर वुमेन विलय स्थल से माँ गोमती के जयकारों की गूंज के बीच जनसमूह के साथ प्राचीन मार्कंडेय मंदिर पहुंची, जहां उन्होंने रुद्राभिषेक एवं आरती कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
प्राचीन मंदिर के प्रांगण में आयोजित किये गये अभिनंदन समारोह में वॉटर शिप्रा पाठक ने कहा कि पदयात्रा के दौरान के उन्होंने उन्होंने माँ गोमती के कण-कण की अनुभूति की है, जिससे अब उन्हें पता है कि माँ गोमती कहाँ घायल है। उन्होंने कहा कि वे चातुर्मास के दौरान माँ गोमती के घावों को भरने का प्रयास करेंगी। प्रशासन के सहयोग से माँ की भूमि कब्जा मुक्त करायेंगी एवं जनसहयोग से वृहद स्तर पर अभियान चला कर पौधारोपण करायेंगी। वॉटर वुमेन ने पदयात्रा में सहयोग करने एवं अभिनंदन करने के लिये सभी का आभार जताया।
अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुये विधान सभा में सचेतक एवं दातागंज क्षेत्र के भाजपा विधायक राजीव कुमार सिंह “बब्बू भैया” ने कहा कि वॉटर वुमेन शिप्रा पाठक जो कार्य कर रही हैं, वो बेहद कठिन कार्य हैं, उनके कार्यों पर हमें गर्व होता है, साथ ही प्रत्येक बदायूंनी को भी उन पर गर्व है, उन्होंने कहा कि माँ गोमती वॉटर वुमेन को ऐसे ही कार्य करते रहने की और शक्ति दें।
जौनपुर जिले के पूर्व विधायक हरेंद्र सिंह गौतम ने कहा कि वॉटर वुमेन शिप्रा पाठक के अद्भुत साहस और अद्भुत कार्यों के चलते वे उनके प्रशसंक हो गये हैं। उन्होंने कहा कि वे वॉटर वुमेन का हर संभव सहयोग करने का वचन देते हैं।
उद्गम स्थल के पन्ना घाट से आये संत रुद्रवत ने आह्वान किया कि माँ गोमती के साथ किसी भी नदी के कूड़ा-कचरा न डालें एवं घाटों को स्वच्छ करने में अपना सहयोग दें। उत्तराखंड के रुड़की में स्थित आश्रम से आये जूना अखाड़े के महामंडेलश्वर एवं पूर्व भाजपा प्रत्याशी स्वामी यतीन्द्रानंद सरवस्ती ने वॉटर वुमेन को शिप्रा नदी का अवतार बताया। पूजन मुन्ना पंडित ने कराया। समारोह में तमाम गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
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शिप्रा पाठक की दादी संतोष कुमारी पाठक बदायूं जिले में दातागंज विधान सभा क्षेत्र से कई दशक तक विधायक रही हैं, उनके पिता डॉ. शैलेश पाठक भी वरिष्ठ भाजपा नेता हैं पर, शिप्रा पाठक ने राजनीति और अपने स्थापित कैरियर को छोड़ कर जल के संरक्षण में अपना जीवन लगा दिया है, इसी क्रम में 28 फरवरी को संकल्प लेने के बाद 1 मार्च को केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने उद्गम स्थल पर आकर वॉटर वुमेन को प्रथम भिक्षा देकर एवं दंड को पवित्र जल में स्नान करा कर पदयात्रा के लिये रवाना किया था, जो अब पूर्ण हो चुकी है। इससे पहले वॉटर वुमेन नर्मदा की 3600 किलोमीटर की परिक्रमा, मेकल पर्वत की परिक्रमा, शिप्रा की पदयात्रा, सरयू की पदयात्रा और कैलाश मानसरोवर की पदयात्रा कर चुकी हैं, साथ ही उन्होंने एक करोड़ पौधे लगवाने का संकल्प लिया है और दस लाख से अधिक पौधे लगवा चुकी हैं, वे नदियों के घाटों को साफ कराने के लिये पहचानी जाती हैं, जिससे लोगों ने उन्हें वॉटर वुमेन नाम दे दिया है। वॉटर वुमेन ने नर्मदा परिक्रमा पर रेवा एवं शिप्रा की पदयात्रा पर मोक्षदायिनी शिप्रा नाम से पुस्तकें भी लिखी हैं, वे माँ गोमती की पदयात्रा पर भी पुस्तक लिखेंगी।
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