शाहजहाँपुर में स्थित पूर्व गृह राज्यमंत्री, यौन उत्पीड़न के आरोपी कथित संत चिन्मयानंद का एसएस कॉलेज एक बार फिर चर्चाओं में है। कॉलेज की एक छात्रा सोमवार को अधजली और निर्स्वत्र अवस्था में मिली थी, जिसके बाद हड़कंप मच गया। घायल छात्रा को प्राथमिक उपचार के बाद लखनऊ रेफर कर दिया गया है। जानलेवा हमला करने का अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जाँच शुरू कर दी है। पुलिस ने मंगलवार को एसएस कॉलेज पहुंच कर छानबीन की। सवाल यह उठ रहा है कि पीड़ित छात्रा कॉलेज के पिछले गेट से बाहर क्यों गई?
घायल छात्रा के परिजनों के अनुसार छात्रा जब भी कॉलेज आती थी तब उसके पिता लेकर आते थे और पिता ही वापस ले जाते थे। सोमवार को भी छात्रा पिता के साथ ही कॉलेज आई थी लेकिन, छुट्टी के समय पिता जब छात्रा को लेने आये तो, वह नहीं मिली, वह दोपहर बाद तिलहर थाना क्षेत्र में अधजली और निर्वस्त्र अवस्था में मिली। ग्रामीणों ने मदद कर छात्रा को बचाया था और पुलिस को सूचना दी थी।
सूचना छात्रा के परिजनों तक पहुंची तो, कोहराम मचा गया, वहीं पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में पुलिस के उच्चाधिकारी सक्रिय हो गये और घायल छात्रा का उपचार कराने के साथ घटना का खुलासा करने में जुट गये लेकिन, पीड़ित छात्रा ने अभी तक घटना के संबंध में कुछ नहीं बताया है, जिससे तमाम तरह के कयास लगाये जा रहे हैं। छात्रा ने भले ही कुछ नहीं बताया है पर, पुलिस अपने तरीके से घटना का खुलासा करने में जुटी हुई है।
पुलिस ने मंगलवार को एसएस कॉलेज में छानबीन की, रिकॉर्ड खंगाला एवं सीसीटीवी को देखा। पुलिस का कहना है कि छात्रा कॉलेज की सीढ़ियों से अकेले ही उतरती दिखाई दे रही है, साथ ही वह कॉलेज के पिछले गेट से अकेले ही बाहर गई है, जिससे स्पष्ट है कि उस पर कोई दबाव नहीं था पर, सवाल यह है कि जब छात्रा पर कोई दबाव नहीं था तो, वह सामान्य तरीके से कॉलेज के बाहर क्यों नहीं निकली?, वह मुख्य गेट की जगह पिछले गेट से बाहर क्यों गई?, उस पर मानसिक तौर कोई न कोई दबाव था तभी, वह पिछले गेट से गई, इसी सवाल का जवाब पुलिस को खोजना है कि वह कॉलेज के पिछले गेट से बाहर क्यों गई?
सूत्रों का कहना है कि तिलहर थाना क्षेत्र में छात्रा जहाँ अधजली और निर्वस्त्र अवस्था में मिली थी, वहां पास में ही एक बाग है, उस बाग में पुलिस को कई महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं, जिन्हें पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। उधर घायल छात्रा को प्राथमिक उपचार के बाद बीती रात ही लखनऊ के लिए रेफर कर दिया गया था। छात्रा का श्याम प्रसाद मुखर्जी मेडिकल कॉलेज में उपचार चल रहा है।
यह भी बता दें कि एसएस कॉलेज का अध्यक्ष वही चिन्मयानंद है, जिस पर यौन उत्पीड़न के दो मुकदमा दर्ज हैं। पहला मुकदमा इसी की शिष्या ने दर्ज कराया था, जिसे भाजपा सरकार ने वापस लेने का आदेश दिया तो, देश भर में जमकर विरोध किया गया था, जिससे भाजपा सरकार की जमकर फजीहत हुई थी लेकिन, अब उक्त शिष्या ही उच्च न्यायालय में चिन्मयानंद के पक्ष में शपथ पत्र दे चुकी है।
दूसरा मुकदमा दर्ज कराने वाली लड़की एसएस कॉलेज की ही लॉ की छात्रा है, इस मुकदमे में उच्चतम न्यायालय के आदेश पर गठित एसआईटी द्वारा जाँच की गई थी, साथ ही उच्च न्यायालय ने निगरानी की थी। आरोप पत्र दायर होने के बाद लखनऊ स्थित एमपी-एमएलए न्यायालय में दूसरी पीड़िता भी बयान से पलट गई है, उसने भी चिन्मयानंद के पक्ष में ही बयान दे दिया है लेकिन, इस मुकदमे के मुख्य गवाह संजय ने न्यायालय में और एसएसपी को प्रार्थना पत्र दिया है कि उसे जान का खतरा है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को बजट पेश किया था, जिसमें सरकार ने गवाहों की रक्षा-सुरक्षा के लिए विटनेस प्रोटेक्शन फंड के रूप में 4.65 करोड़ रूपये आरक्षित किये हैं, इससे स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी और उनकी सरकार की मंशा अपराधियों पर शिकंजा कसने की है, अपराधियों को दंडित कराने की नीयत है, इसके बावजूद चिन्मयानंद पर मुकदमा दर्ज कराने वाली दोनों पीड़ितायें चिन्मयानंद के पक्ष में क्यों खड़ी नजर आ रही हैं? गवाह स्वयं की जान को खतरा क्यों बता रहा है? पुलिस-प्रशासन चिन्मयानंद पर शिकंजा क्यों नहीं कस पा रहा है?
(गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं, साथ ही वीडियो देखने के लिए गौतम संदेश चैनल को सबस्क्राइब कर सकते हैं)