शाहजहाँपुर का कुख्यात कथित संत चिन्मयानंद डॉक्टर पर हायर सेंटर रेफर करने का लगातार दबाव बना रहा था लेकिन, डॉक्टर ने कोई गंभीर बीमारी न होने के कारण रेफर करने से मना कर दिया। झल्ला कर चिन्मयानंद अपने कथित आश्रम लौट आया। व्हील चेयर पर जाते समय लोगों ने देखा कि चिन्मयानंद के चेहरे पर ग्लानि का भाव नहीं था।
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एसआईटी की विवेचना अंतिम दौर में पहुंची तो, गिरफ्तारी से बचने और अग्रिम जमानत पाने के इरादे से चिन्मयानंद ने दो दिन पहले हार्ट अटैक की अफवाह फैला दी थी। सूचना मिलते ही डॉक्टर की टीम कथित आश्रम में चिन्मयानंद को देखने पहुंच गई थी। डॉक्टर की टीम ने गहनता से जाँच करने के बाद पाया कि चिन्मयानंद को लूज मोशन है, साथ ही हार्ट अटैक की संभावना भी दिखाई नहीं दी, इसके बावजूद बुधवार को चिन्मयानंद दबाव देकर मेडिकल कॉलेज में भर्ती हो गया था। सूत्रों का कहना है कि चिन्मयानंद हायर सेंटर रेफर करने का दबाव बना रहा था ताकि, बीमारी के बहाने पर न्यायालय अग्रिम जमानत दे दे।
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न्यायालय की निगरानी में चल रही जांच प्रक्रिया के चलते डॉक्टर स्वयं को फंसाना नहीं चाहते थे, जिससे डॉक्टर ने गंभीर बिमारी न होने के कारण रेफर करने से मना कर दिया। मायूस होकर चिन्मयानंद अपने कथित आश्रम में लौट आया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि व्हील चेयर पर जाते समय चिन्मयानंद के चेहरे पर ग्लानि के भाव नजर नहीं आये, जबकि उसकी देश भर में फजीहत हो रही है। यह भी बता दें कि मेडिकल कॉलेज में शाहजहाँपुर के जिलाधिकारी चिन्मयानंद से मिलने गये थे।
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