शाहजहाँपुर का बहशी व कुख्यात कथित संत चिन्मयानंद सलाखों के पीछे पहुंच गया है, उसकी ब्लू फिल्म की सीरिज से संत समाज भी शर्मसार है। संत समाज ने चिन्मयानंद को समाज से बर्खास्त करने की घोषणा कर दी है। नियमानुसार चिन्मयानंद आश्रम का अधिष्ठाता नहीं रह सकेगा अब। चिन्मयानंद के कुकर्मों की निंदा देश भर में की जा रही है लेकिन, अभी तक भाजपा की ओर से स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
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यौन शोषण के आरोपी चिन्मयानंद के जेल जाते ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने चिन्मयानंद के कुकृत्यों पर निंदा व्यक्त करते हुए संत समाज से बहिष्कृत करने की बात शनिवार को प्रयागराज में कही। महंत देवेन्द्र सिंह शास्त्री ने भी चिन्मयानंद के कुकृत्यों को शर्मनाक माना। हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुंभ में संत समाज चिन्मयानंद पर अंतिम निर्णय सुना देगा।
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चिन्मयानंद संत समाज से बहिष्कृत होते ही मुमुक्षु आश्रम का अधिष्ठाता नहीं रह सकता, क्योंकि नियमानुसार आश्रम का अधिष्ठाता संत ही हो सकता है। चिन्मयानंद को लेकर संत समाज ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर दी है लेकिन, अभी भाजपा ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। हालाँकि चिन्मयानंद भाजपा का प्राथमिक सदस्य भी नहीं है पर, वह समाज में भाजपा नेता के रूप में ही पहचाना जाता है, ऐसे में भाजपा को भी अपनी स्थिति स्पष्ट करना चाहिए।
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