शाहजहाँपुर के कथित संत पूर्व गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद उर्फ कृष्णपाल सिंह पर यौन उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराने वाली पीड़िता न्यायालय में गवाही के दौरान आरोपों से पलट गई है। विशेष जज के आदेश पर अभियोजन ने कथित पीड़िता को पक्षद्रोही घोषित करते हुए पीड़िता के विरुद्ध सीआरपीसी की धारा- 340 के अंतर्गत मुकदमा चलाने का प्रार्थना पत्र दायर किया है।
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लखनऊ स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय के समक्ष पीड़िता 9 अक्टूबर को आरोपों से मुकर गई तो, विशेष जज ने अभियोजन को सीआरपीसी की धारा- 340 के अंतर्गत प्रार्थना पत्र दायर करने का आदेश दे दिया, साथ ही इसकी प्रति पीड़िता व अभियुक्त को देने का भी आदेश दिया, ताकि वे इस पर अपना जवाब दाखिल कर सकें। प्रकरण में अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी। सरकारी वकील अभय त्रिपाठी ने प्रार्थना पत्र में कहा है कि पांच सितंबर, 2019 को पीड़िता ने स्वयं इस मामले की एफआईआर नई दिल्ली के थाना लोधी कॉलोनी में दर्ज कराई थी। एफआईआर को उसके पिता की ओर से शाहजहांपुर में दर्ज कराई गई पहली एफआईआर के साथ संबंद्ध कर दिया गया था, इसके बाद एसआईटी ने जांच शुरू की थी, उसने सीआरपीसी की धारा- 161 के अंतर्गत पीड़िता का बयान दर्ज किया था, इसके बाद शाहजहांपुर में संबधित मजिस्ट्रेट के समक्ष भी उसका कलमबंद बयान दर्ज हुआ, इन दोनों बयानों में पीड़िता ने एफआईआर में वर्णित घटना का समर्थन किया था लेकिन, बीते नौ अक्टूबर को अदालत में इस मामले की गवाही के दौरान पीड़िता ने जानबूझकर अपना बयान बदल दिया।
पीड़िता ने कहा कि मैंने अराजक तत्वों के दबाव में यह सब किया था, ऐसा लगता है कि उसके व अभियुक्त के मध्य समझौता हो गया है। लिहाजा उसके खिलाफ सीआरपीसी की धारा- 340 के अंतर्गत विधिक कार्यवाही की जाए। अब इस प्रकरण में 15 अक्टूबर को सुनवाई होगी। माना जा रहा है कि विशेष जज पवन कुमार राय तेजतर्रार और ईमानदार हैं, वे आरोपी और पीड़िता को दंडित कर सकते हैं ताकि, भविष्य में कोई और कानून और न्यायालय का समय बर्बाद न कर सके।
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