शाहजहाँपुर की छात्रा के गंभीर आरोप राष्ट्रीय स्तर पर छाये हुए हैं। उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद लोगों को लग रहा है। आरोपी कुख्यात कथित संत चिन्मयानंद इस बार सलाखों के पीछे चला जायेगा। आरोपी के निकटस्थ लोग भी मानते हैं कि किये पापों का फल चिन्मयानंद को अवश्य मिलेगा।
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कुख्यात कथित संत चिन्मयानंद चरित्रहीन है, इस पर किसी को कोई संशय नहीं है। कुछेक लोग कहते हैं कि लड़कियाँ भी कम नहीं हैं, जो चिन्मयानंद के करीब पहुंच जाती हैं पर, जो इस सबको बुरा मानते हैं, वे स्पष्ट कहते हैं कि चिन्मयानंद बौद्धिकता, ऐश्वर्य और वैभव के बल पर लड़कियों को फंसाता है और कुछ वर्षों बाद ताकत के बल पर किनारे कर देता है।
लोगों का मानना है कि चिन्मयानंद मानसिक रूप से विकृत है, इसे सेक्स को लेकर लड़की की उम्र का फोबिया है। 14 से 18 वर्ष तक की लड़कियों को फंसाता है और फिर 25 वर्ष की उम्र होते ही किनारे करना शुरू कर देता है। निकटस्थ लोगों का कहना है कि अब तक चिन्मयानंद 17 से ज्यादा लड़कियों को किनारे कर चुका है।
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लोगों का कहना है कि चिन्मयानंद शातिर दिमाग का व्यक्ति है। कुछेक वर्ष मस्ती करने के बाद लड़की की किसी अधीनस्थ से शादी करा देता है, लड़की को नौकरी दे देता है या, उसके पति को, साथ ही कॉलोनी में रहने को घर भी देता है, जिसके दबाव में लड़कियाँ परिवार में खुद को व्यस्त कर लेती हैं, क्योंकि बोलने से सब कुछ तबाह होने का भय रहता है। बता दें कि चिन्मयानंद के अधीन कई शैक्षिक संस्थायें हैं, जिनमें तमाम लोगों को नौकरी दे रखी है।
खैर, चिन्मयानंद के चंगुल में रहने वाली लड़कियों की असंख्य कहानियाँ हैं, उन सबमें से एक कहानी तमाम लोग आज तक नहीं भूले। बताते हैं कि वर्षों पहले चिन्मयानंद के साथ एक लड़की बतौर पत्नी रहती थी, वह उच्च शिक्षित थी, बेहद सुंदर थी एवं बेहद व्यवहार कुशल थी, उसके चिन्मयानंद से आंतरिक संबंध थे, वहीं आश्रम के अन्य लोगों के साथ भी अच्छे संबंध थे, उससे सब खुश थे। बताते हैं कि उसी दौरान चिन्मयानंद सांसद चुना गया तो, लोकसभा में चिन्मयानंद के द्वारा बायोडाटा दिया गया।
चिन्मयानंद ने हस्तलिखित बायोडाटा में स्वयं को विवाहित दर्शाते हुए पत्नी के स्थान पर अमितानंद का नाम लिखा। बताते हैं कि धूर्त चिन्मयानंद ने दिल्ली में ही एक और शिकार फंसा लिया, जिसके बाद अमितानंद नाम की लड़की अचानक से गायब हो गई, वह लड़की कहां गई, जीवित है अथवा, मर गई?, इस बारे में किसी को कुछ नहीं पता। उच्च स्तरीय राजनैतिक पहुंच होने के कारण कभी कोई प्रयास भी नहीं करता। बताते यह भी हैं कि लड़की के गायब होने के बाद चिन्मयानंद ने लोकसभा के कार्यालय पत्र दिया था, जिसमें कहा कि वह अविवाहित संत है, भूल के चलते पत्नी का नाम लिख गया था। सवाल यह है कि हस्तलिखित फॉर्म में भूल कैसे हो सकती है, इसके पीछे बताया जाता है कि चिन्मयानंद का कागजी काम अमितानंद ही करती थी, उसके रहते उसे अस्वीकार करने का साहस नहीं था वरना, वह उसी समय मुकदमा दर्ज करा देती।
अब चिन्मयानंद के पापों का खुलासा हो ही रहा है तो, लोगों का मानना है कि उच्चतम न्यायालय अमितानंद का भी पता लगवाये, ऐसी अन्य तमाम लड़कियां कहाँ गई, उनकी भी उच्च स्तरीय जांच एजेंसी से पता लगवाया जाए।
बता दें कि शाहजहांपुर की एक छात्रा ने एक वीडियो द्वारा कथित संत चिन्मयानंद पर आरोप लगाया था, जिसके बाद वह लापता हो गई थी लेकिन, पुलिस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही थी। उच्च स्तरीय दबाव के बाद छात्रा के पिता की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने छात्रा को राजस्थान से बरामद कर लिया। उच्चतम न्यायालय ने छात्रा को अपने पास बुलवा लिया और दिल्ली में रखने का आदेश दे दिया। लड़की ने माता-पिता से मिलने की इच्छा जताई तो, न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को मिलवाने का आदेश दे दिया। शनिवार को दिल्ली पुलिस के साथ परिजन चले गये। सोमवार को न्यायालय प्रकरण की पुनः सुनवाई करेगा। वकीलों के एक समूह द्वारा प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखा गया था, जिसके आधार पर पीठ प्रकरण की सुनवाई कर रही है।
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